राज एक्सप्रेस। बीते साल काफी चर्चा में रहा इजरायली स्पाइवेयर पेगासस सॉफ्टवेयर से जुड़ा मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। पेगासस डील मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि, इजरायल सरकार ने भारत के साथ रक्षा सौदे के साथ स्पाइसवेयर पेगासस को बेचा था। इसी रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में वकील एमएल शर्मा की ओर से नई याचिका दायर की गई है।
वकील एमएल शर्मा ने दायर की याचिका:
पेगासस मामले के याचिकाकर्ताओं में से एक वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में नया आवेदन दाखिल किया है। शर्मा ने न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से NYT रिपोर्ट का संज्ञान लेने और उन सभी के खिलाफ सीधे FIR दर्ज करने का आग्रह किया है, जो इसराइल के साथ सौदे में शामिल थे। इसके साथ ही याचिका में भारत-इजरायल के बीच हुए इस सौदे की जांच की मांग भी की गई है।
बता दें कि, अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी पड़ताल के हवाले से छापा है कि, इजराइल सरकार ने भारत को पेगासस की तकनीक बेची थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर शर्मा ने मांग की है कि, सौदे के लिए संबंधित अधिकारी या प्राधिकरण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कराई जाए।
क्या है पेगासस और ये मामला:
दरअसल, पेगासस एक तरह का स्पाइवेयर है। जो निगरानी या कह सकते है की जासूसी करने के काम आता है। अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत सरकार ने 2017 में इस्राइल का जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस खरीदा था। इसमें कहा गया है कि, मोदी सरकार ने पांच साल पहले दो अरब डॉलर (करीब 15 हजार करोड़ रुपये) का जो रक्षा सौदा इस्राइल से किया था, उसमें पेगासस स्पाईवेयर की खरीद भी शामिल थी। इस रक्षा डील में भारत ने कुछ हथियारों के साथ एक मिसाइल सिस्टम भी खरीदा था।
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