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संसद में आज नहीं हो सका शून्यकाल व प्रश्नकाल- सदन की कार्यवाही हुई स्थगित

कांग्रेस सदस्यों के जबरदस्त हंगामे के कारण आज शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका तथा सदन की कार्यवाही दूसरी बार दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।

News Agency

नई दिल्ली। संसद में शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। इस दौरान राज्यसभा में 12 सदस्यों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस सदस्यों के जबरदस्त हंगामे के कारण आज शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका तथा सदन की कार्यवाही दूसरी बार दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गयी।

स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू होते ही सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने निलंबित सदस्यों का मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन उप सभापति हरिवंश ने कहा कि, "इस संबंध में सभापति अपनी व्यवस्था दे चुके हैं इसलिए वह इस पर कुछ भी सुनने की स्थिति में नहीं हैं।" उन्होंने श्री खडग़े से कहा कि, "सभापति ने आपको सदन के नेता के साथ चर्चा कर इस समस्या का समाधान निकालने के लिए कहा है।"

इसके बाद उपसभापति ने प्रश्नकाल शुरू करते हुये श्री रेवतीरमण सिंह को प्रश्न पूछने के लिए नाम पुकारा। इसी दौरान कांग्रेस सदस्यों ने शोरगुल और नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण कुछ भी स्पष्ट नहीं सुना जा रहा था। इस बीच उपसभापति ने कहा कि, "यदि सदस्य प्रश्नकाल नहीं करना चाहते हैं तो वह सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर रहे हैं।"

इससे पहले सुबह में कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने भारी हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखे जाने के बाद कांग्रेस के सदस्यों ने विपक्षी दलों के सदस्यों के निलम्बन और टीआरएस के सदस्यों ने तेलंगाना में वर्षा से फसलों को हुई क्षति के कारण किसानों को मुआवजा देने की मांग को लेकर हंगामा शुरु कर दिया।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने इसी दौरान शून्यकाल की घोषणा कर दी। विपक्षी सदस्य अपनी सीट से शोरगुल करते हुए सदन के बीच में आ गये और नारेबाजी करने लगे। टीआरएस के सदस्य अपने हाथों में प्ले कार्ड लिए हुए थे। श्री नायडू ने विपक्ष को इंगित करते हुए कहा कि, "आप सदन के बीचोबीच आते हैं, मंत्री से कागज छीनते हैं और उसे फेंकते हैं। यह अलोकतांत्रिक है। शून्यकाल के दौरान दस महत्वपूर्ण मुद्दे उठाये जाने हैं। इसके अलावा विशेष उल्लेख भी किया जाना है।"

उन्होंने सदस्यों से पूछा कि, क्या वे नहीं चाहते कि सदन की कार्यवाही चले। उन्होंने बार-बार सदस्यों से अपनी सीट पर जाने का आग्रह किया इसके बावजूद सदस्यों का हंगामा जारी रहा। श्री नायडू ने विपक्षी सदस्यों के हंगामा जारी रखने के मद्देनजर सदन की कार्यवाही बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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