दिल्ली, भारत। वन रैंक, वन पेंशन (OROP) नीति के तहत सशस्त्र बलों से रिटायर होने वाले कर्मियों को पेंशल मिलती है, लेकिन पेंशन भुगतान न होने पर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। इस दौरान आज सोमवार को फिर सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले पर संज्ञान लेकर पूर्व सैन्य कर्मियों की पेंशन पर केंद्र सरकार को जमकर फटकारा है।
तीन जजों की पीठ ने की OROP मामले पर सुनवाई :
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने वन रैंक वन पेंशन (OROP) मामले पर सुनवाई की, जिसमें कोर्ट की ओर से सशस्त्र बलों के रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन न दिए जाने पर चिंता जाहिर की गई है। साथ ही OROP पर केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के हालिया कम्युनिकेशन पर नाराजगी जताते हुए पेंशन के बकाया को किश्तों में देने के नोटिफिकेशन को वापस लेने का निर्देश दिया है। इस दौरान पीठ की ओर से कहा गया है कि, एरियर को चार किस्तों में भुगतान करने का पत्र जारी कर आप कानून को हाथ में नहीं ले सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसने क्या कहा-
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने बताया कि, केंद्र ने पूर्व सैनिकों को ओआरओपी बकाया की एक किस्त का भुगतान कर दिया है और आगे के भुगतान के लिए कुछ और समय की मांग की।
इस पर पीठ की ओर से अटार्नी जनरल आर वेंकटरमानी को जवाब देते हुए यह कहा, 'पहले ओआरओपी बकाया के भुगतान पर 20 जनवरी की अधिसूचना वापस लें, फिर हम समय के लिए आपके आवेदन पर विचार करेंगे।'
पेंशन बकाया के भुगतान को लेकर मांगा एक नोट :
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ने अटार्नी जनरल आर वेंकटरमानी से पेंशन बकाया के भुगतान को लेकर एक नोट भी मांगा गया है, जो अगले सोमवार तक देना होगा। इस नोट जरिए बताया जाए कि, कितना भुगतान बकाया है और इसके कितनी टाइमलाइन में चुकाया जाएगा। साथ ही ये बताएं कि बुजुर्ग या विधवा पेंशनर आदि को कैसे प्राथमिकता के तहत चुकाया जाएगा?
बता दें कि, अब इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च की तारीख तय की है।
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