राज एक्सप्रेस। देश इन दिनों कोरोना वायरस की महामारी की जंग लड़ रहा है, इसी बीच सरकार द्वारा कई महत्वकांक्षी योजनाओं पर काफी ध्यान दिया जा रहा है, ताकि गरीब लोगों को इसका लाभ मिल सके। इसी कड़ी में आज 1 जून से देश के 20 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में 'वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना' लागू हो गई है, जो मोदी 2.0 सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
योजना से 67 करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा :
कोरोना संकट काल में केंद्र सरकार की ये महत्वकांक्षी योजना 'वन नेशन वन राशन कार्ड' काफी अहम साबित होने वाली है, इस योजना के तहत 67 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा तथा इस योजना की सबसे बड़ी खासियत तो ये है कि, पूरे देश में एक ही तरह का राशन कार्ड होगा यानी राशन कार्ड किसी भी राज्य में बना हो, राशन कार्ड धारक दूसरे किसी भी राज्य में कार्ड दिखाकर राशन प्राप्त कर सकेंगे। अब जो भी राशन कार्ड धारक अपने राज्य से दूसरे राज्यों में शिफ्ट होते है तो भी इस योजना का लाभ उन लोगों को मिल सकेगा।
मंत्री राम विलास पासवान का कहना :
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने अपने ट्विटर अकांउट से ट्वीट साझा कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट में लिखा- 81 करोड़ NFSA लाभुकों को देशभर में कहीं से भी राशन प्राप्त करने की सुविधा मुहैय्या कराने वाली महत्त्वाकांक्षी योजना वन नेशन वन राशनकार्ड, मोदी 2.0 सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 1 जून तक 20 राज्य इससे जुड़ जाएंगे और मार्च 2021 तक यह देशभर में लागू हो जाएगी।
इस योजना से मिलने वाले फायदे :
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से गरीबों को बहुत फायदा होगा।
अब पूरे देश में एक ही तरह का राशन कार्ड होगा।
दुकान मालिकों पर निर्भरता कम होगी व भ्रष्टाचार में कमी आएगी।
फर्जी राशन कार्ड पर अंकुश यानी रोक लगाने में मदद मिलेगी।
कार्ड 2 भाषाओं स्थानीय भाषा और हिन्दी या अंग्रेजी में जारी होगा।
लोगों को अब ये आसानी होगी कि, वे किसी एक राशन की दुकान से खरीदारी के लिए मजबूर नहीं होंगे।
इस योजना से सरकार सभी राशन कार्ड के लिए केंद्रीय भंडार बनाकर और उन्हें आधार से जोड़कर फुल पोर्टेबिलिटी की सुविधा देगी।
इतने रुपए का मिलेगा राशन :
लाभार्थी देश में कहीं भी ई-पीओएस उपकरण पर बॉयोमेट्रिक प्रमाणन करने के बाद राशन कार्ड धारकों को कम रेट पर अनाज मिलेगा।
5 किलो चावल 3 रुपए किलो की दर से मिलेगा।
5 किलो गेहूं 2 रुपए किलो की दर से मिलेगा।
बता दें कि, इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने कहा था कि, जिनके पास राशन कार्ड या कोई कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं, चावल और एक किलो चने की मदद दी जाएगी। 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को इसका फायदा होगा, इसमें 3500 करोड़ रुपए का खर्च होगा। राज्य सरकारों के जरिए इसे कारगर बनाया जाएगा।
इस तरह काम करेगा ये नया सिस्टम :
दरअसल, गरीबों का सहारा बनने वाली इस योजना के लिए सभी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) दुकानों पर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस यानी प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) लगेगा, जिससे लाभार्थियों की पहचान उनके आधार कार्ड पर PoS से की जाएगी। जैसे ही राज्य सभी PDS दुकानों पर PoS मशीन की रिपोर्ट देंगे, तो उन्हें 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना में शामिल कर लिया जाएगा। इस योजना के तहत लाभार्थियों को सिर्फ अंगूठा लगाना अनिवार्य होगा। बताया गया है कि, अभी तक 85% आधार कार्ड PoS मशीन से जुड़ चुके हैं एवं 22 राज्यों में 100% PoS मशीन लग चुकी है।
क्या सभी राज्यों का मिलेगा योजना का लाभ?
सरकार की 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' की योजना वर्ष 2020 के पहले माह यानी 1 जनवरी से 12 राज्यों में शुरू हुई थी, जिनमें ये राज्य 'आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा' हैं। इसके आलावा फिलहाल अभी इन राज्यों 'पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु , असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, चंडीगढ़, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप और छत्तीसगढ़' में इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा, हालांकि इन राज्यों को भी इस योजना लागू करने के लिए ज़रूरी कदम जल्द ही पूरा करने को कहा है, ताकि पूरे देश में ये योजना लागू हो सके।
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