राज एक्सप्रेस। अक्सर 18 वर्ष का होने के बाद लोगों को अपना नाम वोटर लिस्ट से जोड़ने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार एक नया बिल लाने जा रही है। इस बिल के आने के बाद भारत का कोई भी नागरिक जब 18 साल का हो जाएगा तो उसका नाम खुद ब खुद मतदाता सूची में जोड़ दिया जाएगा। इतना ही नहीं संबंधित व्यक्ति की मौत के बाद उसका नाम खुद ब खुद मतदाता सूची से हटा भी दिया जाएगा। तो चलिए जानते हैं कि आखिर यह सब कैसे होगा।
दरअसल केंद्र सरकार पूरी तरह से डिजिटल जनगणना कराने की तैयारी में है। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर भी बनाया जाएगा। मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए लोग घर बैठे ही इसमें अपना डाटा भी जोड़ सकेंगे या उसमें जरूरी बदलाव कर सकेंगे। इसमें बच्चे की जन्म तारीख भी लिखी होगी। यह तारीख जनगणना कार्यालय में रजिस्टर कर दी जाएगी।
दरअसल सरकार जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन के लिए नया बिल लेकर आ रही है। इसके जरिए मृत्यु और जन्म रजिस्टर को मतदाता सूची से जोड़ दिया जाएगा। इससे व्यक्ति की उम्र 18 साल होने पर उसका नाम अपने आप मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा। इसी तरह से मृत्यु होने के बाद उसका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा।
इस बिल के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट बनाने से लेकर लोगों तक सरकारी योजनाओं का फायदा पहुंचाना आसान हो जाएगा। डिजिटल जनगणना के आंकड़े ज्यादा सटीक होंगे, जिससे विकास के लिए योजनाएं बनाना ज्यादा आसान होगा। डिजिटल जनगणना में हर जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन करने का लक्ष्य है। अगर सरकार इसमें सफल होती है तो इसके बाद देश की जनगणना अपने आप अपडेट हो जाएगी। इसके अलावा लोगों को अपने नाम और पते में बदलाव करने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर भी नहीं लगाना पड़ेगा।
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