मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की तीन पूर्व महिला जजों की एक कमेटी का गठन किया है।
मणिपुर हिंसा के दौरान मणिपुर में हुई हत्याओं को लेकर 72 केस दर्ज किए गए हैं।
Manipur Violence : मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर से सुनवाई की गई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की तीन पूर्व महिला जजों की एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का काम मणिपुर में जाकर राहत और पुनर्वास का काम देखना है। इस कमेटी की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रहीं गीता मित्तल करेंगी जबकि शालिनी पी जोशी और आशा मेनन अन्य दो सदस्य होगी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा तलब करने पर मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह भी सोमवार को कोर्ट में हाजिर हुए। उन्होंने कोर्ट को पुलिस द्वारा मणिपुर में उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर को लेकर स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल की है। तो चलिए जानते हैं कि इस रिपोर्ट में क्या कुछ है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर हिंसा में अब दर्ज की एफआईआर की जानकारी दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर हिंसा में सबसे ज्यादा 4694 एफआईआर प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने को लेकर दर्ज की गई हैं। इसके अलावा हिंसा के दौरान मणिपुर में हुई हत्याओं को लेकर 72 केस दर्ज किए गए हैं।
स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार मणिपुर में सामूहिक बलात्कार और हत्या की एक एफआईआर दर्ज की गई है जबकि सामूहिक बलात्कार और बलात्कार के तीन मामले दर्ज किए गए हैं। इसी तरह हत्या और बलात्कार की एक एफआईआर दर्ज की गई है। महिला के शीलभंग के इरादे से उन पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करने के मामले में 6 एफआईआर दर्ज की गई है।
इसी तरह मणिपुर हिंसा के दौरान आगजनी की 4454 जबकि लूटपाट/डकैती की 4148 एफआईआर दर्ज की गई हैं। सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में 584 जबकि धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने के लिए 46 एफआईआर दर्ज की गई है। इनके आलवा 100 एफआईआर गंभीर चोंट के मामलों को लेकर दर्ज की गई है।
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