हाइलाइट्स :
असम में तीन बार मनाया जाता है बीहू।
नववर्ष की शुरुआत और वसंत के आगमन का प्रतीक।
जानवरों के प्रति जिम्मेदारियों को पूरा करने का प्रयास।
Rongali Bihu : असम। Rongali Bihu को पूरे असम में हर्षोल्लास से मनाया गया। तिनसुकिया में इस बीहू समारोह में केंद्रीय मंत्री भाजपा नेता सर्बानंद सोनोवाल भी शामिल हुए। Rongali Bihu पर किसानों ने अपनी अपनी गायों को तालाब में नहलाकर उन्हें स्वच्छ किया। इसके बाद किसानों ने अपनी गायों पर हल्दी पाउडर और दालों से बनी मह-हल्दी भी लगाई। रोंगाली बीहू असम का महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह असमिया नववर्ष की शुरुआत और वसंत के आगमन का प्रतीक है।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सर्बानंद सोनोवाल ने असम के तिनसुकिया में बिहू समारोह में भाग लिया। उन्होंने कहा कि, "इस त्योहार का सभी असमियों के जीवन में बहुत महत्व है। हम अपने मन को सकारात्मक रखने के लिए 'गौ पूजा' करते हैं। इस त्योहार के माध्यम से, हम जानवरों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का प्रयास करते हैं। का महत्व हमारे जीवन में गायों का बहुत महत्व है, यह हमारे पर्यावरण और पारिस्थितिकी को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।"
बता दें कि, असम में तीन बीहू मनाए जाते हैं। पहला जनवरी के महीने में जिसे भोगाली बिहू या माघ बिहू कहते हैं। दूसरा अप्रैल के मध्य में जिसे रोंगाली बीहू कहते हैं। तीसरा अक्टूबर में जिसे काती बीहू कहते हैं। रोंगाली बिहू, फसल से जुड़ा त्योहार है। इस दौरान ईश्वर को अच्छी फसल की पैदावार के लिए धन्यवाद दिया जाता है और अगली फसल की उपज भी अच्छी हो इसलिए ईश्वर से प्रार्थना भी की जाती है। रोंगाली बिहू को गोरु बीहू कहा जाता है। इस दिन बैलों और गायों को हल्दी से नहलाया जाता है, लौकी और बैंगन खिलाए जाते हैं।
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