प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी RE
उत्तर पूर्व भारत

PM मोदी आज लाचित बोरफुकन की प्रतिमा का करेंगे अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज असम में होलोंगाथर में प्रसिद्ध अहोम योद्धा लचित बोरफुकन की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का लाचित बोरफुकन की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

Author : Sudha Choubey

हाइलाइट्स-

  • PM मोदी आज लाचित बोरफुकन की प्रतिमा का करेंगे अनावरण।

  • इसे 'स्टैच्यू ऑफ वैलोर ' नाम दिया गया है।

  • वहीं, अरुणाचल में सेला सुरंग का करेंगे उद्घाटन।

असम, भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को असम, अरुणाचल, बंगाल और यूपी के दौर पर रहेंगे। अपने इस दौरे पर प्रधानमंत्री आज असम में होलोंगाथर में प्रसिद्ध अहोम योद्धा लचित बोरफुकन की 125 फुट ऊंची प्रतिमा का लाचित बोरफुकन की प्रतिमा का अनावरण करेंगे और जोरहाट में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भी भाग लेंगे। इसे 'स्टैच्यू ऑफ वैलोर ' नाम दिया गया है। मोदी जोरहाट के मेलेंग मेटेली पोथार में एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 9 मार्च को सुबह साढ़े 10 बजे अरुणाचल के ईटानगर जाएंगे और वहां ‘विकसित भारत विकसित पूर्वोत्तर’ कार्यक्रम में भाग लेंगे। वे यहां सेला सुरंग का उद्घाटन करेंगे और लगभग 10,000 करोड़ रुपये की उन्नति योजना का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में लगभग 55,600 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री दोपहर लगभग 12 बजकर 15 मिनट पर वापस असम के जोरहाट पहुंचेंगे और प्रसिद्ध अहोम जनरल लाचित बोरफुकन की भव्य प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

वहीं, शाम लगभग 7 बजे प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी के विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। 10 मार्च को दोपहर लगभग 12 बजे प्रधानमंत्री एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे उत्तर प्रदेश में 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

कौन थे लाचित बोरफुकन:

वहीं, अगर लाचित बोड़फुकन के बारे में बात करे, तो लासित को युद्ध कला, अस्‍त्र-शस्‍त्र और युद्धनीति का पूरा ज्ञान था। उन्‍हें अहोम राजा चक्रध्‍वज सिंह ने अपने साम्राज्‍य का सेनापति बनाया और सोलाधार बोरुआ, घोड़ा बोरुआ और सिमूलगढ़ किले का सेनापति जैसी कई उपाधियां दीं। उनका जन्म 24 नवंबर, 1622 को हुआ था। सेनापति बोरफुकन ने मुगलों के खिलाफ अदम्‍य साहस के साथ लड़ाई लड़ी और जीत भी हासिल की। उन्‍हें उनकी वीरता और कुशल नेतृत्‍व क्षमता के लिए याद किया जाता है।

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