इम्फाल। मणिपुर विधानसभा चुनाव के दूसरे एवं अंतिम चरण में शनिवार को छिटपुट हिंसा की घटनाओं में एक व्यक्ति की मौत हो गयी वहीं 76 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और इसी के साथ ही दो महिलाओं समेत 92 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में लॉक हो गया।
मणिपुर की 60 सीटों वाले विधानसभा के पहले चरण में 38 सीटों पर 28 फरवरी को मतदान कराये गये थे और शेष 22 सीटों पर आज मतदान हुआ। दूसरे और अंतिम चरण के लिए शाम पांच बजे तक 76.04 प्रतिशत मतदान हुआ। सेनापति जिले में सबसे अधिक 82.02 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले। वहीं थौबल में 78 प्रतिशत, चंदेल में 76.71, जिरीबाम में 75.02, उखरूल में 71.57 और तामेंगलोंग में 66 प्रतिशत मतदान हुआ।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मतदान के लिए निर्धारित समय शाम चार बजे समाप्त हो जाने के बाद भी बहुत से लोग मतदान केंद्रों के बाहर कतारों में खड़े नजर आए। मतदान खत्म होने की अवधि से पहले जिन लोगों ने मतदान केंद्रों में प्रवेश कर लिया था, उन्हें मतदान करने की अनुमति दी गई।
इस बीच राज्य के कई हिस्सों से हिंसा की छिटपुट घटनाएं हुईं। सेनापति जिले के करोंग निर्वाचन क्षेत्र के 47/49 नंबर मतदान केंद्र पर हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया। घायल व्यक्ति को इलाज के लिए राजधानी इम्फाल के अस्पताल ले जाया गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि करोंग निर्वाचन क्षेत्र के 47/49 नंबर मतदान केंद्र में दो व्यक्तियों द्वारा कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन छीनने की कोशिश करने के दौरान यहां ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप उनमें से एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल हो गया। यहां हिंसा के मद्देनजर मतदान केंद्र पर मतदान रोक दिया गया है।
भाजपा उम्मीदवार जोनाथन ताओ के चुनाव एजेंट नगाओनी आर जेम्स ने रिटर्निंग अधिकारी को लिखे एक पत्र में कहा कि मृतक के. लोंगवाओ और गंभीर रूप से घायल वी. साओप को बिना किसी चेतावनी के गोली मारी गई। उन्होंने कहा कि जहां घटना हुई थी, वहां से सुरक्षा बलों को तब तक बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा जब तक पीड़ति को न्याय नहीं मिल जाता।
हिंसा की घटनाओं के बीच तीन अलग-अलग जगहों पर तीन बम धमाकों की भी खबरें मिली थीं, लेकिन इनसे कोई हताहत नहीं या बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
तामेंगलोंग जिले के तामेई निर्वाचन क्षेत्र में बूथ कैप्चरिंग के मामले भी सामने आए । सेनापति जिले के माओ निर्वाचन क्षेत्र में दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प के दौरान एक वाहन को नुकसान पहुंचने की भी सूचना मिली है। सुगनू के कांग्रेस उम्मीदवार के.रंजीत ने आरोप लगाया कि उनके कार्यकर्ताओं पर अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने हमला किया।
मणिपुर में लगातार तीन बार शासन करने वाले तथा राज्य के सबसे लंबे समय तक कांग्रेस के मुख्यमंत्री रहे ओकराम इबोबी सिंह ने थौबल निर्वाचन क्षेत्र में अपना वोट डाला। थौबल सीट पर लगातार चौथी बार अपना कब्जा बरकरार रखने के आकांक्षी श्री सिंह ने यहां फिर से चुनाव कराए जाने की मांग की है। उनके खिलाफ भाजपा के लीतानथेम बसंत सिंह उम्मीदवार हैं , जो 2017 में श्री इबोबी से चुनाव हार गए थे।
खंगाबोक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे श्री इबोबी के बेटे एल सुरजाकुमार ने भी सुबह अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया। इस दौरान कुछ मतदान केंद्रों पर तकनीकी खराबी के चलते मतदान देर से शुरू हुआ। श्री इबोबी को भी वोट देने से पहले कुछ देर इंतजार करना पड़ा।
आज के मतदान के लिए 1,247 मतदान केंद्र बनाये गये थे, जहां करीब 4,988 चुनाव अधिकारी ड्यूटी पर तैनात रहे। इस चरण के चुनाव में 428,679 महिलाओं, 4,10,020 पुरुषों और 31 ट्रांसजेंडरों सहित कुल 8,38,730 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
इस बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 22 सीटों पर, कांग्रेस 18, एनपीपी 11, जनता दल (यू) 10, आरपीआई-ए तीन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिव सेना दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ा है। 12 निर्दलीय उम्मीदवार के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय जनहित संघर्ष पार्टी (आरजेएसपी) के एक-एक उम्मीदवार भी चुनावी मैदान पर रहे।
चुनाव अधिकारियों ने सुरक्षित और निष्पक्ष तरीके से मतदान कराने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर ब्रॉडकास्टिंग/वीडियोग्राफी की व्यवस्था की गई थी। मतदान कर्मियों और सेक्टर अधिकारियों के मोबाइल फोन में एम्बेडेड ई-ट्रैकर ऐप की मदद से ईवीएम की आवाजाही पर नजर रखी गई।
मतगणना 10 मार्च को होगी।
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