हाइलाइट्स :
राम मंदिर कार्यक्रम पर बीजेपी - कांग्रेस में विवाद जारी।
22 जनवरी को उत्तरप्रदेश के अयोध्या में होगा भव्य समारोह।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता।
असम। बाबर से प्यार इसलिए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम निमंत्रण से किया कांग्रेस ने इंकार। यह बात बीजेपी नेता और असम सीएम हिमन्त बिश्व शर्मा ने कही है। कांग्रेस ने पिछले दिनों राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने मना कर दिया था। इसके बाद कई नेताओं ने कांग्रेस के इस फैसले का समर्थन किया। 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को कांग्रेस ने बीजेपी - आरएसएस का कार्यक्रम बताया था।
कांग्रेस द्वारा राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर, असम सीएम हिमन्त बिश्व शर्मा ने कहा, 'वे (कांग्रेस) बाबर से प्यार करते हैं, भगवान राम से नहीं। इसलिए उन्हें आमंत्रित करने का निर्णय गलत था और केवल भगवान राम में आस्था रखने वालों को ही आमंत्रित किया जाना चाहिए। भगवान राम और बाबर के बीच गांधी परिवार सबसे पहले बाबर को दंडवत प्रणाम करेगा।'
कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आमंत्रण को RSS - भाजपा का कार्यक्रम बताते हुए अस्वीकार कर दिया था। 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल नहीं होंगे। पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें।
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