राज एक्सप्रेस। आज देश के हालात इतने ख़राब होते नजर आरहे हैं। पिछले साल से इस साल के दौरान में कोरोना का आतंक तो जारी ही है उसी के साथ देश के कई राज्य अब तक प्राकृतिक आपदाओं का भी कहर सहन कर रहे हैं। चाहे वो भूकंप के झटके और या शक्तिशाली साइक्लोन ताउते। इसी बीच अब देश में एक और नए चक्रवाती तूफान यास के दस्तक देने संकेत नजर आरहे हैं।
नए चक्रवाती तूफान यास के दस्तक के संकेत :
दरअसल, चक्रवात तूफान ताउते कई राज्यों में पहले ही काफी नुकसान पंहुचा चुका है। ऐसे में अब देश के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में 26-27 मई के आसपास चक्रवाती तूफान यास की दस्तक नजर आ रही है। हालांकि, इससे निपटने के इंतज़ाम राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) द्वारा पहले ही कर लिए गए है। जी हां, NDRF की टीम ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अपनी कई टीमें तैनात करना अभी से शुरू कर दिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया है कि, 'पश्चिमी तटीय क्षेत्र में तूफान ताउते से प्रभावित राज्यों में बचाव और पुनर्वास के काम के लिए भेजे गए दलों को वापस बुलाया जा रहा है।'
NDRF के डायरेक्टर ने किया ट्वीट :
NDRF के डायरेक्टर एसएन प्रधान ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि, 'पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में यास तूफान और इसके संभावित प्रभावों के मद्देनजर दलों को हवाई मार्ग से बुलाने का फैसला किया गया है।' बताते चलें, NDRF द्वारा अभी से तैनाती शुरू कर दी है। ज्ञात हो कि, NDRF के हर एक दल में 47 जवान शामिल होते हैं जिनके पास पेड़ों और खंभों को काटने वाले उपकरण, संचार उपकरण, हवा भरी जा सकने वाली नौकाएं और चिकित्सा सहायता सामग्री आदि होती है, लेकिन वर्तमान समय को देखते हुए उन्हें कोरोना से बचने के लिए नारंगी रंग की पीपीई किट भी दी गई है। इसमें फेस शील्ड भी शामिल है।
अधिकारियों ने बताया :
अधिकारियों ने बताया है कि, 'आने वाले तूफान के लिए NDRF के कितने दलों को चिह्नित किया जाएगा, इस बारे में फैसला भारत मौसम विज्ञान विभाग से मिलने वाली जानकारी के आधार पर होगा। केंद्रीय बल ने भीषण चक्रवाती तूफान ताउते के लिए कुल 101 दलों को तैनात किया है। अरब सागर में आए इस तूफान ने मुख्य रूप से गुजरात के तटीय क्षेत्रों और महाराष्ट्र तथा गोवा जैसे राज्यों को प्रभावित किया। गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के उना कस्बे में सोमवार रात को ताउते ने दस्तक दी थी और करीब 28 घंटे की तबाही के बाद यह कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया था।'
मौसम विज्ञान विभाग की जानकारी :
बताते चलें, गुरुवार को भारत मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से यास नमक इस तूफान से जुड़ी जानकारी दी गई थी। इसके तहत बताया गया था कि, '22 मई को उत्तरी अंडमान सागर और आसपास की पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।' इसके लावा विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रकोष्ठ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'अगले 72 घंटों में धीरे-धीरे चक्रवाती तूफान में बदलने की पूरी आशंका है। यह उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ सकता है और 26 मई की शाम के आसपास पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है।’
गौरतलब है कि, अब चक्रवाती तूफान ताउते कमजोर पड़ गया है, लेकिन जब इसने बीते सोमवार को दस्तख दी थी तब महाराष्ट्र में इसने काफी तबाही मचाई थी। ताउते के चलते ही समुद्र में 4 जहाज फंस गए थे और उस समय एक जहाज बार्ज P- 305 समुद्र में डूब गया, जिसमें 273 लोग सवार थे। ये किसी बड़े नुकसान से कम नहीं है।
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