नयी दिल्ली, भारत। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। नवजोत सिंह सिद्धू को आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने रोडरेज मामले में एक साल कैद की सजा सुनाई है।
न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने शीर्ष अदालत के 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के बाद सजा बढ़ाने संबंधी आदेश पारित किया। पीठ ने पीड़ित परिवार की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद सिद्धू को यह सजा सुनाई है।
बता दें कि, पंजाब के पटियाला के निवासी गुरनाम सिंह के परिजनों ने अपनी याचिका में सिद्धू को मात्र 1000 रुपए के आर्थिक दंड पर रिहा करने को नाकाफी करार देते हुए उनकी सजा बढ़ाने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने सजा में संशोधन की मांग वाली पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद 25 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
वहीं, कोर्ट का फैसला आने के बाद सिद्धू देर रात पहले पटियाला स्थित अपने घर पहुंचे। हालांकि उन्होंने फैसले को लेकर सिर्फ 'नो कमेंट्स' कहा। इसके बाद अब सिद्धू पटियाला से अमृतसर स्थित घर के लिए रवाना हो गए हैं।
साल 1988 का है मामला:
जानकारी के लिए बता दें कि, यह मामला 1988 का है। साल 1988 में सड़क पर हुए झगड़े में नवजोत सिंह सिद्धू एवं अन्य के मुक्का मारने के बाद 65 वर्षीय गुरनाम सिंह की मृत्यु हो गई थी। पीड़ित पक्ष की तरफ से आरोप लगाए गए थे कि, सिद्धू द्वारा मुक्का मारने से गुरनाम की मौत हो गई थी। जिसके बाद पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया।
ये मामला अदालत तक पंहुच गया, जहां निचली अदालत ने 1999 में सिद्धू को बरी कर दिया था। वहीं, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सिद्धू को गैर इरादतन हत्या में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी किया था। साल 2018 में SC ने सिद्धू को 1,000 रुपये के जुर्माने पर बरी कर दिया था। जिसके बाद पीड़िता के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई की।
कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कही यह बात:
नवजोत सिंह सिद्धू को मिली सजा पर पंजाब के पूर्व डिप्टी CM और कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं... हमारे लोग गंभीर लोगों को नेता नहीं समझते और ऐसे बड़े नौटंकीबाज को बड़ा नेता समझते हैं, ये पंजाब और देश की बदकिस्मती है।"
उन्होंने आगे कहा कि, "मेरे इतिहास में हमें आज तक ऐसा अध्यक्ष नहीं मिला जो उसी साख पर बैठकर उसी को काटता रहा। मैंने राहुल गांधी जी से कहा था कि सुनील जाखड़ और सिद्धू साहब को पार्टी से निकाल दो शायद हमारी 3-4 सीटें बढ़ जाएं।"
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