राज एक्सप्रेस। इस समय प्रदूषण पूरी दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। प्रदूषण धरती पर मानव के अस्तित्व पर एक बड़ा खतरा है। ऐसे में प्रदूषण को नियंत्रित करना हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। भारत में हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। इस दिन प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा की जाती है। लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाता है। तो चलिए जानते हैं कि राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस 2 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है और इसका क्या उद्देश्य है।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का इतिहास :
दरअसल 2 दिसंबर 1984 की रात को मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाईड इंडिया लिमिटेड नाम की एक कंपनी के रासायनिक संयंत्र से मिथाइल आइसोसाइनेट नाम की जहरीली गैस का रिसाव हो गया था। जिससे यह गैस हवा में फैल गई और 3787 लोगों की जान चली गई। भोपाल में हुई इस दर्दनाक त्रासदी की स्मृति में ही हर साल 2 दिसंबर को ‘राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस’ मनाया जाता है।
राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस का उद्देश्य और महत्व :
इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में प्रदूषण को लेकर जागरूकता फैलाना है। इस दिन कई तरह के सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में प्रदूषण ने विकराल रूप धारण कर लिया है। प्रदूषण के चलते ही कई लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
प्रदूषण से हर साल 24 लाख मौते :
भारत में प्रदूषण कितनी बड़ी समस्या है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में हर साल 24 लाख लोगों की मौत प्रदूषण के चलते होती है। इसमें से 16.7 लाख मौतें सिर्फ वायु प्रदूषण के चलते हुई हैं। यह आंकड़ा पूरी दुनिया में सबसे अधिक है। पूरी दुनिया में प्रदूषण की वजह से हर साल करीब 90 लाख लोगों की मौत होती है। दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में देश की राजधानी दिल्ली पहले जबकि कोलकाता दूसरे नंबर पर है।
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