गोडसे को आज दी गई थी फांसी Syed Dabeer Hussain - RE
भारत

गोडसे को आज ही दी गई थी फांसी, जानिए गोडसे ने क्यों की थी गांधीजी की हत्या?

बहुत कम लोग जानते हैं कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे एक समय उनका अनुयायी हुआ करता था।

Priyank Vyas

राज एक्सप्रेस। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को आज ही के दिन फांसी की सजा दी गई थी। 30 जनवरी 1948 की शाम को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में प्रार्थना करने के लिए जा रहे महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे ने तीन गोलियां मार दी थी। इसी मामले में 15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे और अन्य षडयंत्रकारी नारायण आप्टे को अंबाला जेल में फांसी की सजा दी गई थी। बहुत कम लोग जानते हैं कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे एक समय उनका अनुयायी हुआ करता था। तो चलिए जानते हैं कि नाथूराम कौन था और उसने महात्मा गांधी की हत्या क्यों की थी?

कौन था नाथूराम गोडसे?

19 मई 1910 को एक ब्राह्मण परिवार में जन्मा नाथूराम हिंदू राष्ट्रवाद का कट्टर समर्थक था। उसने ‘हिन्दू राष्ट्र’ नाम से खुद का समाचार पत्र भी निकाला था। गोडसे महात्मा गांधी और वीर सावरकर के विचारों से खासा प्रभावित था। उसने महात्मा गांधी के नागरिक अवज्ञा आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उसने 'हिंदू राष्ट्रीय दल' के नाम से अपना संगठन भी बनाया था जिसका मकसद स्वतंत्रता के लिए लड़ना था।

गांधीजी को क्यों मारा?

एक समय गांधीजी को अपना आदर्श मानने वाले नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या क्यों की? इस सवाल का सटीक जवाब शायद ही किसी के पास होगा। अदालत में कई सुनवाई के बावजूद भी किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका। हालांकि कई ऐसे संभावित कारण हैं, जिन्हें गांधीजी की हत्या की वजह माना जाता है। तो चलिए जानते है :

विभाजन के जिम्मेदार :

कई लोगों का मानना है कि नाथूराम गोडसे ने गांधीजी की हत्या इसलिए की, क्यों कि उसे लगता था कि देश के विभाजन के लिए महात्मा गांधी जिम्मेदार हैं। अगर महात्मा गांधी चाहते तो वह देश का विभाजन रोक सकते थे और इतनी बड़ी संख्या में बेगुनाह लोग नहीं मारे जाते।

मुस्लिम तुष्टिकरण :

नाथूराम गोडसे को लगता था कि महात्मा गांधी के दबाव के चलते देश की सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति पर चल रही है और उन्हें हिन्दू धर्म से जुड़े लोगों की कोई परवाह नहीं है।

पाकिस्तान प्रेम :

कुछ लोगों का तर्क है कि महात्मा गांधी चाहते थे कि पाकिस्तान को वादे के मुताबिक 55 करोड़ रूपए दिए जाए और नहीं देने पर उन्होंने अनशन करने की चेतावनी भी दी थी। ऐसे में गोडसे को लगता था कि मुस्लिम प्रेम के चलते गांधीजी ऐसा कर रहे हैं। इसलिए भी वह गांधी जी से नाराज था।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT