दिल्ली, भारत। केंद्र की सत्ता पर काबीज मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार (Modi Cabinet Expansion) की कई दिनों से सुगबुगाहट नजर आ रही है और अटकलों का दौर जारी है। कहा जा रहा है कि, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार की अंतिम तैयारी पूरी हो गई है और इस सप्ताह में केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव या कहे विस्तार हो सकता है।
7 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार :
इस बीच ये खबर भी सामने आ रही है कि, अगले 3 दिनों यानी 6 से 8 जुलाई के बीच मोदी कैबिनेट 2.0 का विस्तार होने की संभावना है। आगामी 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे, इस दौरान PM मोदी के नए मंत्रिमंडल में 17 से 22 मंत्री शपथ ले सकते हैं।
मोदी 2.0 मंत्रिमंडल विस्तार में किन मंत्रियों को मिलेेगी जगह
मोदी कैबिनेट 2.0 का विस्तार को लेकर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान और महाराष्ट्र से भी कुछ नाम नए कैबिनट का हिस्सा हो सकते हैं।
कैबिनेट में यूपी से 3 से 4 मंत्रियों को जगह मिल सकती है। उत्तर प्रदेश और केंद्र में बीजेपी की सहयोगी अपना दल से अनुप्रिया पटेल को भी मंत्री बनाया जा सकता है। छोटे दलों को साधने की कवायद के तौर पर अनुप्रिया पटेल को मंत्रीपद दिया जा सकता है।
कैबिनेट में बिहार के दो से तीन नेताओं को शामिल किया जा सकता है। इसमें बीजेपी के सुशील कुमार मोदी, जेडीयू के आरसीपी सिंह और एलजेपी से पशुपति पारस का नाम आगे है।
कैबिनेट में मध्य प्रदेश से एक से दो मंत्री शामिल होंगे, इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया और राकेश सिंह का नाम शामिल है।
मोदी कैबिनेट में महाराष्ट्र से एक से दो मंत्री शामिल हो सकते हैं, इसमें नारायण राणे का नाम शामिल है।
कैबिनेट में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से एक-एक मंत्री को जगह मिल सकती है।
कैबिनेट में असम से एक से दो मंत्री शामिल हो सकते हैं, इसमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का नाम सबसे आगे है।
कैबिनेट में पश्चिम बंगाल के दो नेताओं को जगह दी जा सकती है, इसमें बीजेपी सांसद शान्तनु ठाकुर और निसिथ प्रामाणिक के नाम आगे आ रहे हैं।
इसके अलावा राजस्थान से भी एक-एक मंत्री एवं ओडिशा से एक मंत्री को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।
बता दें कि, केंद्रीय मंत्रिमंडल में 81 सदस्य हो सकते हैं और वर्तमान में 53 मंत्री हैं यानि 28 मंत्रियों को और जोड़ा जा सकता है। माना जा रहा है, जिन राज्यों में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों में सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में तरजीह दी जाएगी। गठबंधन दल भी इस बार मोदी कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं और जेडीयू, एलजेपी के अलावा अपना दल कोटे से नेता शपथ ले सकते हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय दलों के नेताओं को मंत्रिपरिषद में शामिल कर एनडीए के कुनबा भी बढ़ाने की तैयारी है।
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