मणिपुर, भारत। मणिपुर में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के विधायकों के कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद मणिपुर सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बीते दिन ही यानी मंगलवार को इन विधायकों को गुवाहाटी लाया गया, विधायकों के साथ इनकी पार्टी प्रमुख भी बीजेपी नेताओं से जरूरी चर्चा करने के लिए पहुंचे। इसी बीच सीबीआई की एक टीम इंफाल पहुंची, जहां उसने कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह से घर पूछताछ की।
सरकार बचाने में जुटी बीजेपी :
राज्य की एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पूरा जोर लगा रही है व बीजेपी NPP के मंत्रियों को मनाने में लगी है, इस समय संकटमोचन का काम हेमंत बिस्वा सरमा कर रहे हैं, वह सरकार से इस्तीफा देने वाले NPP के 4 मंत्रियों को लेकर दिल्ली पहुंचे हैं। खबरों के मुताबिक, चारों विधायकों की मुलाकात बीजेपी नेतृत्व से कराई जाएगी, जिससे कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में स्थिति को सामान्य किया जाए।
वहीं, नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलाएंस (NEDA) के संयोजक हेमंत बिस्वा सरमा के साथ पहले दौर की बातचीत के दौरान NPP के नेता राज्य सरकार के नेतृत्व में बदलाव की अपनी मांग पर अड़े रहे।
क्यों मंडराया ये संकट ?
दरअसल, उप मुख्यमंत्री वाई जॉय कुमार सिंह, बीजेपी के तीन बागी विधायक, तृणमूल कांग्रेस का एक और एक निर्दलीय के अलावा एनपीपी के कोटे से चार मंत्रियों के इस्तीफे के बाद एन बीरेन सिंह सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसे में यह कांग्रेस के लिए बड़ा मौका हो सकता है, क्योंकि कांग्रेस के पास नई पार्टी सेक्युलर प्रोग्रेसिव फ्रंट का समर्थन है एवं 60 सीटों वाली विधानसभा में उसके पास 29 सीटें हैं, वहीं बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पास 22 सीटें हैं।
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