हाइलाइट्स :
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भड़की आग
प्रदर्शनकारियों ने पुणे-मुंबई हाईवे किए जाम
कौन भड़काने का काम व आगजनी कर रहा है इसपर सरकार का ध्यान है: CM एकनाथ
मराठा आरक्षण के संदर्भ में राज्य सरकार सकारात्मक है: देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र, भारत। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हिंसक आंदोलन हो रहा है। कहीं आग, तो कही ट्रेनों को रोका जा रहा है। इस दौरान मुंबई-पुणे एक्सप्रेस पर 6 किमी जाम लगे जाने की भी खबर है। ऐसे में स्थिति को बेकाबू होता देख कई जगहों पर कर्फ्यू और इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया है। यह राज्य के मराठवाड़ा इलाके के 8 जिलों में फैल गया है। इनके अलावा पुणे, अहमदनगर में भी प्रदर्शन हो रहे हैं। इन शहरों में आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं।
बताया जा रहा है कि, आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित बीड शहर के बाद उस्मानाबाद में प्रशासन ने कर्फ्यू लगाया है। साथ ही बीड में इंटरनेट बंद कर दी गई है। एसपी बीड नंद कुमार ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा, "अब तक 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और कल शाम से किसी घटना की सूचना नहीं है। विभिन्न स्थानों पर पुलिस गश्त जारी है, धारा-144 लगा दी गई है।"
मराठा आरक्षण के संदर्भ में राज्य सरकार सकारात्मक है :
इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान आया, जिसमें उन्होंने कहा, "कल बीड में जिस प्रकार की घटना हुई है उसका समर्थन नहीं किया जा सकता। मराठा आरक्षण के संदर्भ में राज्य सरकार सकारात्मक है... ऐसे में कुछ लोग जो जानबुझकर हिंसा करने की कोशिश कर रहे हैं उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। कई लोगों की पहचान की गई है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी... जो शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं उन्हें आंदोलन करने दिया जाएगा।"
CM एकनाथ शिंदे का बयान :
इसके अलावा महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे का भी बयान आया है, जिसमें उन्होंने कहा, "सकल मराठा समाज जानता है कि उस समय कौन सरकार में थे और किन्होंने मराठा समाज का आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में गंवाया है। हमारी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रही है... मराठा समाज बहुत ही शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन करता है, कौन भड़काने का काम कर रहा है, आगजनी कर रहा है इसपर सरकार का ध्यान है।"
क्यों हो रहा आंदोलन :
दरअसल, महाराष्ट्र में आज नहीं बल्कि पिछले 4 दशक से मराठा आरक्षण की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने ओबीसी के तहत मराठाओं को 2018 में 16% आरक्षण दिया था। इससे राज्य में कुल आरक्षण 50% की सीमा को पार कर गया। तो वहीं, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने मई 2021 में मराठा आरक्षण रद्द कर दिया था।
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