महाराष्ट्र: महाराष्ट्र की उद्धव सरकार किसी न किसी मुद्दे को लेकर हमेशा में चर्चा में रहती है। तो वहीं, बीते दिन मुंबई स्थित न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था और उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही है।
अर्नब केस में SC ने उद्धव सरकार को फटकारा :
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार को फटकारा और कहा कि, "ऐसे किसी की व्यक्तिगत आजादी पर बंदिश लगाना न्याय का मजाक उड़ाना है। अगर सरकार किसी को निशाना बनाए तो उसकी हिफाजत के लिए हम हैं।"
सीबीआई जांच की मांग :
इसके साथ ही अर्नब की पैरवी के लिए पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट से इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है, हालांकि कोर्ट ने सिर्फ उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करने को कहा है। अर्नब गोस्वामी के लिए अपील करते हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा- इस मामले में फिर से जांच करने की शक्ति का गलत तरीके से उपयोग किया गया था। इसलिए अर्नब इस मामले में निष्पक्ष जांच चाहते हैं जो सीबीआई कर सकती है।
दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा बीते सोमवार को अर्नब गोस्वामी पर वर्ष 2018 से जुड़े एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसी को लेकर अर्नब ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसक कोर्ट में सुनवाई जारी है।
बता दें कि, मुंबई स्थित न्यूज चैनल रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी को 4 नवंबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। अर्नब गोस्वमी को रविवार को अलीबाग से तलोजा जेल में शिफ्ट किया गया था एवं पुलिस ने अर्नब पर आरोप भी लगाया था कि, अलीबाग क्वारंटीन सेंटर में वे किसी फोन से सोशल मीडिया पर एक्टिव थे।
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