हाइलाइट्स :
सेज-सोयारे के तहत आरक्षण की मांग जारी।
जालना जिले में प्रदर्शन के बाद तनावपूर्ण स्थिति।
Maratha Reservation : महाराष्ट्र। मराठा कोटा या आरक्षण का मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य सरकार, मराठाओं को शिक्षण संस्थान और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए क़ानून ला चुकी है लेकिन मराठा समुदाय के लोग अब भी अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान जालना में एक बस में आग लगा दी गई। इसे देखते हुए जालना की अंबाद तहसील में कर्फ्यू लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार, जिला प्रशासन द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, कार्यकर्ता मनोज जारंगे द्वारा मराठा आरक्षण के लिए चल रहे आंदोलन के मद्देनजर कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र के जालना जिले के अंबाद तालुका में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को शिक्षा-सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण के प्रस्ताव को 20 फरवरी मंजूरी दी थी। यह प्रस्ताव राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के आधार पर लाया गया था। इससे राज्य की 28 प्रतिशत आबादी को सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया था जहाँ यह बिल सर्वसम्मति से पारित हो गया था।
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जारांगे पाटिल का कहना है कि, "सरकार का यह फैसला चुनाव और वोटों को ध्यान में रखकर लिया गया है। यह मराठा समुदाय के साथ धोखा है...मराठा समुदाय आप पर भरोसा नहीं करेगा। 'सेज-सोयारे' पर कानून बनाओ क्योंकि यह आरक्षण नहीं रहेगा।"
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