महाराष्ट्र सरकार के प्राइवेट स्कूलों को दिए आदेश से मिली पेरेंट्स को राहत  Social Media
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महाराष्ट्र सरकार के प्राइवेट स्कूलों को दिए आदेश से मिली पेरेंट्स को राहत

राज्य में कोरोना से बने हालातों के चलते अब तक लोग आर्थिक मंदी में का सामना कर रहे हैं। ऐसे में अब महाराष्ट्र सरकार ने सभी पेरेंट्स के लिए बड़ा ऐलान कर राहत प्रदान की है।

Author : Kavita Singh Rathore

महारष्ट्र, भारत। कोरोना वायरस (कोविड-19) से रोकथाम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया गया था। इस दौरान सभी जरूरी संस्थानों को छोड़ कर सभी स्थान व प्राइवेट और सरकारी स्कूल बंद थे। इसी कारण सभी लोग अपने घरों में थे और लगभग सभी पालकों का काम-काज बंद रहा, कई को तो इस दौरान सेलरी नहीं मिली और कई की तो नौकरी ही चली गई, ऐसे हालातों के चलते अब तक लोग आर्थिक मंदी में का सामना कर रहे हैं। ऐसे में अब महाराष्ट्र सरकार ने सभी पालकों के लिए बड़ा ऐलान कर राहत प्रदान की है।

महाराष्ट्र सरकार का राहत भरा फैसला :

दरअसल, कोरोना की शुरुआत से ही पूरे भारत में इसका सबसे ज्यादा प्रकोप महाराष्ट्र में ही देखने को मिला है। इसी के चलते वहां के लोगों के आर्थिक हालत भी काफी बिगड़ते नजर आये। ऐसे में इस बुरे दौर का सामना करने वाले पेरेंट्स अपने बच्चों की फीस जमा करने में सक्षम नहीं रहे। उनको महाराष्ट्र सरकार ने राहत देते हुए प्राइवेट स्कूलों के लिए निर्देश जारी किए है। महाराष्ट्र सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि, 'शैक्षणिक सत्र 2021-22 में जमा की जाने वाली फीस में 15% कटौती की जाए।' बता दें, सरकार ने ये फैसला ऐसे स्कूल पर भी लागू किया है जो फीस जमा कर चुके हैं। बता दें, महाराष्ट्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले से प्राइवेट स्कूल काफी नाराज नजर आरहे हैं खबर तो यह भी है कि, यह स्कूल कोर्ट का दरवाजा खटका सकते हैं।

पहले ही फीस जमा कर देने वाले करे यें :

बताते चलें, सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों में साफ़ किया गया है कि, अगर किसी पेरेंट ने अपने बच्चे की एक साल की फीस पहले ही जमा कर दी है तो स्कूल को या तो फीस का 15% अगले सेशन में एडजस्ट करना होगा या फिर उन्हें वापस लौटना होगा। बता दें, महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार का यह फैसला ऐसे समय में सामने आया है, जब पेरेंट्स कोरोना वायरस के चलते आई मंदी की मार झेल रहे थे। उनके लिए यह फैसला किसी बड़ी खुशखबरी से कम नहीं है। हालांकि, इस फैसले से राज्य के प्राइवेट स्कूल जरूर निराश नजर आरहे है। उनका कहना है कि, 'सरकार इस तरह से फीस में कटौती नहीं कर सकती है।

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