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मध्य प्रदेश

कमिशनर ने कहा ब्याज से ज्यादा पैसों को सुरक्षित रखना जरुरी, वित्तीय विभाग के दिशा-निर्देश अनुसार बनाएं पालिसी

विवि द्वारा करीब ढाई करोड़ रुपए प्रायवेट बैंक में रखने का मामला काफी उछला है। इसलिए संभावित है कि विवि अब इसे ईसी में पास कराकर पालिसी निर्धारित करना चाहता है।

Author : Rakhi Nandwani

भोपाल। राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी)में बुधवार को कार्यपरिषद (ईसी) की बैठक में एजेंडे में शामिल करीब 11 बिंदुओं के अलावा भी कुछ विषयों पर चर्चा की गई। जिसमें से एक विषय विवि के पैसों को जहां ज्यादा ब्याज दर मिलेे, उस बैंक में डिपॉजिट किया जाने और इससे संबंधित पॉलिसी का था। जिसपर तकनीकी शिक्षा विभाग के कमिशनर ने पैसे को सुरक्षित रखने पर जोर दिया। इस मामले में कमिशनर सहित सभी परिषद सदस्यों ने कहा कि ब्याज ज्यादा होना ठीक है, लेकिन पैसे को सुरक्षित रखा जाना सबसे ज्यादा जरुरी है। इसके लिए शासन को विषय से अवगत कराकर , वित्तीय विभाग के दिशा निर्देश अनुसार ही पालिसी बनाए जाए। बैठक में विवि ने अतिथि शिक्षकों की जरुरत बताते हुए भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का प्रस्ताव भी रखा। ईसी में एजेंडे में शामिल विषयों के अलावा भी कुछ विषयों पर चर्चा हुई । ईसी सदस्यों ने कई प्रस्तावों पर सहमति दी,जबकि कुछ खारिज कर दिये।

सूत्रों के अनुसार विवि द्वारा करीब ढाई करोड़ रुपए प्रायवेट बैंक में रखने का मामला काफी उछला है। इसलिए संभावित है कि विवि अब इसे ईसी में पास कराकर पालिसी निर्धारित करना चाहता है। इस विषय में विवि के अधिकारियों का तर्क है कि जो बैंक आरबीआई से अधिकृत हैं, वो भी नेशनलाइज बैंक की तरह ही हैं, इसलिए पैसे को वहां रखने में क्या गुरेज है। लेकिन विवि के इस प्रस्ताव पर ईसी ने स्पष्ट कह दिया कि सरकार के वित्तीय विभाग के दिशा-निर्देश के आधार पर ही पैसा डिपाजिट किया जाना चाहिए। इसके अलावा भी ऐसे कुछ विषयों पर चर्चा हुई जो एजेंडे में नहीं थे। ईसी सदस्यों ने कई प्रस्तावों पर सहमति दी,जबकि कुछ खारिज कर दिये।

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