विथ यू वेलफेयर एसोसिएशन ने जारी की सर्वे रिपोर्ट Social Media
मध्य प्रदेश

विथ यू वेलफेयर एसोसिएशन ने जारी की इंदौर के एक लाख घरों के पानी की स्थिति की सर्वे रिपोर्ट

विश्व जल दिवस पर विथ यू वेलफेयर एसोसिएशन (एनजीओ) ने इंदौर में पिछले दिनों से कराए जा रहे घरों में पानी की स्थिति का रिपोर्ट आज जारी की। इस रिपोर्ट में बहुत ही चौंकाने वाली जानकारियां प्राप्त हुई हैं।

Vishwabandhu Pandey

इंदौर, मध्यप्रदेश। विश्व जल दिवस (World Water Day) पर विथ यू वेलफेयर एसोसिएशन (एनजीओ) (With You Welfare Association) ने इंदौर में पिछले दिनों से कराए जा रहे घरों में पानी की स्थिति का रिपोर्ट आज जारी की। इस रिपोर्ट में बहुत ही चौंकाने वाली जानकारियां प्राप्त हुई हैं, जिसको संस्था ने सार्वजनिक किया। यह सर्वे पिछले 3 महीने से संस्था की टीम और वॉलेंटियर मिलकर कर रहे थे।

इंदौर शहर के सुदामा नगर, मूसाखेड़ी, राजेंद्र नगर, निपानिया, श्रीनगर, आनंद बाजार और भवरकुआं क्षेत्र के लगभग एक लाख घरों का सर्वे किया गया। इस सर्वे में मूल रूप से जो बात सामने आई वह यह है कि इंदौर में सभी लोग अमूमन किसी ना किसी प्रकार के पानी के स्रोत को लेकर परेशान हैं। नर्मदा पानी की सप्लाई जिन घरों में हो रही है वहां स्थिति थोड़ी बेहतर है परंतु वह भी साल में 100 से 125 दिन ही रहती है। बाकी दिन पानी का सप्लाई किसी न किसी कारण से बाधित रहता है, साथ ही नर्मदा कि पानी का गंदा आना आम बात है। सभी से की गयी बातचीत के अनुसार नर्मदा पानी की सप्लाई साल में लगभग 110 दिन की हो पाती है, बाकी दिन जनता को खुद के स्रोत पर निर्भर रहना होता है।

पीने के पानी के लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई उचित व्यवस्था नहीं की गयी है और नर्मदा का पानी भी गंदा आने से उसका नियमित पीने के पानी में उपयोग नहीं हो पाता है। सर्वे में आई रिपोर्ट के अनुसार अभी भी शहर के लगभग 65% घरों में पीने के पानी के लिए आरओ का इस्तेमाल किया जाता है। इस सर्वे में यह बात सामने आई है कि नर्मदा का पानी आने से शहर को पानी की समस्या से 30% राहत मिली है परंतु अभी भी 40 से 50% लोगों की निर्भरता टैंकर के पानी पर ही है। निपानिया क्षेत्र में और सुदामा नगर क्षेत्र में कुछ जगह ऐसे भी मिले जहां पर पूरे साल टैंकर के पानी पर निर्भरता बनी रहती है और उनको पानी या पानी से जुड़ी सरकार की किसी भी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है।

वहीं शहर के 75% तक घर अपने स्वयं के पानी के स्रोत पर निर्भर हैं यानी सरकार के द्वारा उपलब्ध कराई गए जल के स्रोत उन तक पहुंच नहीं पाते या फिर अपर्याप्त हैं। इंदौर के सिर्फ 25% लोग ही पूर्ण रूप से सरकार की पानी की व्यवस्था पर निर्भर हैं और संतुष्ट हैं। वहीं सरकार द्वारा चलाई जा रही नल-जल योजना कहीं भी दिखाई नहीं दी। शहर के 45% घरों में अभी भी इमरजेंसी के लिए पानी का स्टोरेज किया जाता है, मतलब वह पानी की नियमित सप्लाई को लेकर आश्वस्त नहीं है। शहर के आम जनता से जब पानी की समस्या की बात की गई तो लोगों ने बताया कि शहर में पानी की स्थिति अच्छी नहीं है उन्हें किसी ना किसी प्रकार से पानी की उपलब्धता के लिए खुद की व्यवस्था बनानी पड़ती है। सरकार द्वारा अभी भी शहर में सभी को पानी उपलब्ध कराने की व्यवस्था पूर्ण रूप से नहीं की गई है। आम जनता ने शहर में पानी की व्यवस्था और पानी की उपलब्धता के ऊपर गंभीर सवाल उत्पन्न किए हैं, साथ ही आने वाले समय में इस समस्या को और बड़े रूप में देख रहे हैं। वहीं सर्वे में यह पता चला कि शहर के सिर्फ 18% घरों में वाटर हार्वेस्टिंग उपलब्ध है, बाकी घरों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है या नहीं की गई है। वहीं, जब जनता से वाटर हार्वेस्टिंग के बारे में जानकारी ली गई तो लगभग 65% जनता ने वाटर हार्वेस्टिंग की जानकारी होने से मना किया, उन्हें वाटर हार्वेस्टिंग क्या होती है, इसके क्या लाभ है, इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है।

कुल मिलाकर सर्वे में से प्राप्त रिपोर्ट यह दर्शाती है कि शहर में पानी की स्थिति बहुत ही बुरी है और आने वाले वक्त में सरकार और जनता ने आपस में मिलकर सहयोग नहीं किया तो पानी की समस्या बहुत ज्यादा गहरा सकती है। वहीं संस्था के सर्वे में एक और बात बहुत ही मुखरता से सामने आई की इंदौर में उपलब्ध जितनी भी कपड़ा मिले हैं, इन सभी में कुएं बने हुए हैं। इन कुओं की पूरी सफाई की जाए और उनकी व्यवस्था सुचारू की जाए तो इन सभी मिलों के जो कुएं हैं वो आधे शहर की आबादी की पानी की जरूरत को पूरी कर सकते हैं, परंतु सरकार इनकी उपेक्षा करती है और इनके पुनर्जीवित करने के लिए अभी तक कोई कार्य नहीं किया जा सका है और न ही किया जा रहा है। यह सर्वे यह बताता है कि शहर को स्वच्छता अभियान की तरह अब जल अभियान की भी आवश्यकता है। संस्था विधु वेलफेयर पिछले 2 सालों से "जल रहा जल" नाम से पानी बचाने, जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के लिए कार्य कर रही है। यह सर्वे रिपोर्ट जारी करते हुए संस्था ने आगामी वर्षों में पानी के लिए एक जन अभियान चलाने की घोषणा की है। साथ संस्था ने अपने रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अगर सरकार यथाशीघ्र पानी की समस्या को दूर करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो शहर के हर घर में लोग पानी की उपलब्धता के लिए अवैध रूप से बोरिंग करवाएंगे, जिसका बहुत ही प्रतिकूल असर शहर के जल स्तर पर पड़ेगा। यह जानकारी संस्था के उपाध्यक्ष सह कोषाध्यक्ष एवं पूरे सर्वे के मॉनिटरिंग अधिकारी आनंद सागर पांडे ने दी।

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