हाईलाइट्स
चीता प्रोजेक्ट फेल होने पर वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ जसबीर सिंह चौहान को हटाया।
जूनियर असीम श्रीवास्तव को वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ की जिम्मेदारी सौंपी।
अब तक 5 चीते और 3 शावकों की मौत हो चुकी है।
भोपाल। कूनो में 5 चीतों और 3 शावकों की मौत के बाद चीता प्रोजेक्ट संकट में आ गया है। कूनो नेशनल पार्क में तमाम निगरानी के बाद भी चीतों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। लागातार हो रही चीतों की मौत के बाद सरकार ने सोमवार को वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ जसबीर सिंह चौहान को हटा दिया है। इनके स्थान पर उनसे एक बैच जूनियर असीम श्रीवास्तव को यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। जसबीर सिंह चौहान को वाइल्ड लाइफ से हटाकर पीसीसीएफ उत्पादन बनाया गया है। पहले इस पद पर असीम श्रीवास्तव थे।
भारत में चीतों को बसाने के लिए नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे। सबसे पहले 8 चीते नामीबिया से 17 सितंबर 2022 को आए थे। इनमें से अब तक 5 चीते और 3 शावकों की मौत हो चुकी है। यह पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। ऐसे में यहां चीतों की मौत से प्रदेश सरकार की भी किरकिरी हो रही है। चीता प्रोजेक्ट से जुड़े विशेषज्ञ भी नाराज हैं। इसके चलते पीसीसीएफ जेएस चौहान को हटाया गया है।
अब कूनो में 15 चीते 1 शावक
अब कूनो नेशनल पार्क में 15 चीते और 1 शावक बचा है। इनमें से 4 चीते बाड़ों में बंद हैं और 11 चीते खुले जंगल में घूम रहे हैं। हाल ही दो चीतों की मौत कूनो में हो चुकी है। इनमें से एक चीता तेजस बाड़े में बंद था, तो दूसरा चीता सूरज खुले जंगल में घूम रहा था। गले में घाव हो जाने से सूरज की मौत हो गई थी।
प्रदेश और केंद्र सरकार की प्राथमिकता है चीता प्रोजेक्ट
चीता प्रोजेक्ट केंद्र और प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस प्रोजेक्ट पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है। चीतों के व्यवहार और स्टडी के लिए वन अफसरों को विदेश तक भेजा गया। इसके बाद भी कूनो में चीतों में लागातार मौत हो रही है। इससे चीता प्रोजेक्ट संकट में पड़ गया है।
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