रेहटी, मध्यप्रदेश। गेहूं खरीदी के दौरान जिले की चकल्दी समिति की एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। चकल्दी समिति के संरक्षण में कोठरा स्थित रुकमणि वेयर हाउस पर गेहूं की तुलाई कराई गई थी। इस दौरान यहां पर किसानों से खरीदे गए गेहूं में से 2 हजार क्विंटल गेहूं की चार हजार बोरियां ज्यादा रखवाई गई। जब समिति के जिम्मेदारों की यह गड़बड़ी सामने आई तो अब इसकी जिम्मेदारी तुलाई करने वाले हम्मालों पर थोपी जा रही है। कहा जा रहा है कि हम्मालों ने अपने पैसे बनाने के चक्कर में बोरियों में कम गेहूं भरकर ज्यादा बोरियां रख दी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले की बुधनी विधानसभा हमेशा चर्चाओं में रहती है। कभी यहां की चर्चा बेहतर कार्यों को लेकर होती है तो कभी गड़बडिय़ों के कारण यहां के जिम्मेदार चर्चाओं में रहते हैं। इस बार भी चर्चा गेहूं खरीदी के दौरान हुई गड़बड़ी की हो रही है। हालांकि वर्तमान मेें चल रही मूंग की खरीदी में भी जमकर धांधली हो रही है, लेकिन ये गड़बड़ी का खेल हर फसल में किया जाता है।
दरअसल गेहूं खरीदी का यह मामला चकल्दी सहकारी समिति के अधीन आने वाले कोठरा स्थित रुक्मणि वेयर हाउस का है। यहां पर गेहूं खरीदी की जिम्मेदारी समिति प्रबंधक की थी। इनके संरक्षण में ही पूरी गेहूं की तुलाई हुई। तुलाई के दौरान किसानों की प्रत्येक ट्राली से एक क्विंटल गेहूं अतिरिक्त रूप से निकाला गया था और फिर वेयर हाउस के जिम्मेेदारी की मिलीभगत से इस गेहूं को वेयर हाउस में ही रखवा दिया गया। ये गेहूं करीब चालीस लाख रुपए मूल्य का है।
जिम्मेदारों के जवाब गेहूं तुलाई का कार्य समिति के द्वारा कराया जाता है। इसकी सारी जिम्मेदारी समिति प्रबंधक और वेयर हाउस संचालक की होती है। यदि ज्यादा गेहूं की तुलाई हुई है तो इसकी जानकारी ली जाएगी। ओपी कुशवाह, कारपोरेशनरीजनल मैनेजर, मप्र वेयर हाउसिंग
गेहूं तुलाई के दौरान मुझे कोरोना हो गया था और मैं होम कोरेंनटाइन में था, इसलिए हम्मालों ने गेहूं की ज्यादा बोरियां भर दी। इसके कारण मुझे भी तीन लाख रुपए का नुकसान हुआ है।गजेंद्र कुलकणी, समिति प्रबंधक, सहकारी समिति चकल्दी, जिला सीहोर गेहूं तुलाई की
जिम्मेदारी चकल्दी समिति की थी। यहां पर 4 हजार ज्यादा बोरियों की जानकारी मुझे नहीं है। समिति प्रबंधक ही इस बारे में बता पाएंगे।रघुवीर मालवीय, शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी बैंक शाखा रेहटी
गेहूं तुलाई के दौरान समिति प्रबंधक गजेंद्र कुलकर्णी को कोरोना हो गया था। वे वहां मौजूद नहीं थे और हम्मालों ने अपने पैसे बढ़ाने के चक्कर में 4 हजार बोरियां ज्यादा भर दी। इसमें हमें भी नुकसान हुआ है और हमने बोरियों एवं हम्मालों को भी ज्यादा राशि दी है। इसमें हमारा लाखों का नुकसान हुआ है।महेंद्र पटेल, रुकमणि वेयर हाउस संचालक
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