राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि (आरजीपीवी) भोपाल Raj Express
मध्य प्रदेश

यह क्या मजाक है: जिसकी शिकायत उसको ही सौंप दी जांच की जिम्मेदारी, मामला आरजीपीवी में वित्तीय अनियमितता का

शिकायत पर जांच होनेे की बजाय सीएम हेल्प लाइन पोर्टल से शिकायत को आरजीपीवी को भेज दिया गया है। आरजीपीवी इस शिकायत की जांच करेगा तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जांच प्रतिवेदन में क्या लिखा जाएगा।

Rakhi Nandwani

भोपाल, मध्य प्रदेश । राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि (आरजीपीवी) के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई शिकायत के मामले में जांच नियम मजाक बन गए हैं। शिकायत पर जांच होनेे की बजाय सीएम हेल्प लाइन पोर्टल से शिकायत को आरजीपीवी को भेज दिया गया है। आरजीपीवी इस शिकायत की जांच करेगा तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि जांच प्रतिवेदन में क्या लिखा जाएगा। जांच नियम के अनुसार जिसके विरूद्ध शिकायत होती है, उस संस्थान और वहां पदस्थ अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती है। तकनीकी शिक्षा विवि की जांच का जिम्मा तकनीकी शिक्षा विभाग का है।

दरअसल, विगत 12 दिसंबर 2022 को एक शिकायतकर्ता ने 27 बिंदुओं पर आरजीपीवी में हो रहे अवैधानिक कार्यों ओर वित्तीय अनियमितता की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय सहित राजभवन, मुख्यमंत्री और तकनीकी शिक्षा विभाग से कर जांच करने की मांगी की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने 20 दिसंबर 2022 को ही मध्यप्रदेश के मुख्यसचिव को पत्र लिखकर मामले में यथोचित कार्रवाई करने ओर शिकायतकर्ता को जवाब भेजने के लिये पत्र भेज दिया था। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत पर हो रही कार्रवाही का स्टेटस जानने के लिए वल्लभ भवन में संपर्क किया तो लोक सेवा प्रबंधन कार्यालय से उन्हें पता लगा कि उनकी शिकायत सीएम हेल्प लाइन पोर्टल में दर्ज कर जांच के लिए आरजीपीवी को भेज दिया गया है।

यह आश्चर्य की बात है कि जिस विवि और उनके अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है, वही अब मामले के जांच अधिकारी हैं। इस शिकायत का निराकरण एल-1 और एल-2 स्टेज पर तय समय में नहीं होने पर आरजीपीवी के एल-थ्री अधिकारी (कुलसचिव) तक पहुंच गई है। अगर अब इस स्तर पर भी शिकायत का निराकरण नहीं किया जाता है या शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं होता है, तो शिकायत एल-4 अधिकारी (विवि कुलपति) के अधिकार क्षेत्र में पहुंच जाएगी। शिकायत का स्ट्टेस देखकर प्रतीत हो रहा है कि विवि के अधिकारी जवाब ना देकर मामले को टाल रहे हैं।

शिकायत को आरजीपीवी को क्यों और कैसे प्रेषित किया

शिकायतकर्ता डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि आरजीपीवी द्वारा गंभीर वित्तीय अनियमितताएं की गई है। इससे जुड़े दस्तावेज उन्होंने विवि से आरटीआई के माध्यम से मांगे थे,लेकिन विवि ने दस्तावेज देने से बचने के लिए कई तरह के बहाने बनाए है। वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत पत्र भेजा था। पीएम आफिस से सेक्शन अधिकारी शिखा शर्मा ने प्रदेश के मुख्यसचिव को पत्र लिखा है, वल्लभ भवन से पता लगा है कि जांच सीएम हेल्प लाइन से आरजीपीवी भेजी गई है। अब आरटीआई के माध्यम से जानकारी प्राप्त करूंगा कि मेरे द्वारा की गई शिकायत को आरजीपीवी को क्यों और कैसे प्रेषित किया गया?

मामला अभी मेरे संज्ञान में नही आया है

मैं एल-थ्री अधिकारी हूं, लेकिन मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं आया है। जानकारी मिलने पर जवाब दे सकूंगा। - प्रो. आरएस राजपूत, कुलसचिव

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