Congress Office  RE Gwalior
मध्य प्रदेश

नई नहीं बल्कि हमें तो पुरानी कार्यकारिणी ही रखना है, शहर अध्यक्ष ने कांग्रेस मुख्यालय को पत्र भेज कर जताई मंशा

शहर कांग्रेस अध्यक्ष के पास प्रदेश कांग्रेस से कई बार कार्यकारिणी बनाकर उसकी सूची भेजने का रिमांडर आता रहा, लेकिन वह उस रिमांडर को नजरअंदाज करते रहे

Pradeep Tomar

ग्वालियर। किसी भी संस्था में जब कोई नए सिरे से अध्यक्ष बनता है तो पुरानी कार्यकारिणी स्वंत ही भंग हो जाती है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भले ही देवेन्द्र शर्मा रिपीट कर दिए गए हो, लेकिन उनके रिपीट होते ही पुरानी कार्यकारिणी भंग मानी जा रही है जैसा की कांग्रेस के नेता बताते है। अब नई कार्यकारिणी बनाना है तो उसको लेकर कई बार प्रदेश कांग्रेस से रिमांडर आ चुके है, लेकिन शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए एक पत्र प्रदेश कांग्रेस को भेजा है जिसमें कहा गया है कि हमें नई नहीं बल्कि पुरानी कार्यकारिणी ही रखना है।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव का साल है ओर उसको लेकर प्रदेश कांग्रेस स्तर पर नेता खासे सक्रिय होकर युवाओ को आगे आने का संकेत दे रहे है, लेकिन सवाल यह है कि जब कई जगह युवाओ को नजरअंदाज किया जा रहा है तो फिर ऐसे में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कै से दमखम दिखा सकेगी। शहर कांग्रेस अध्यक्ष के पास प्रदेश कांग्रेस से कई बार कार्यकारिणी बनाकर उसकी सूची भेजने का रिमांडर आता रहा, लेकिन वह उस रिमांडर को नजरअंदाज करते रहे, ऐसे में क्या कांग्रेस आगे दमखम दिखा पाएगी, क्योंकि जब प्रदेश कांग्रेस के फरमान को ही कोई शहर कांग्रेस अध्यक्ष नजरअंदाज कर रहा हो तो समझा जा सकता है कि कांग्रेस की स्थिति संगठन स्तर पर क्या होगी।

शहर कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा प्रदेश कांग्रेस के फरमान को नजरअंदाज किए जाने के बाद भी प्रदेश कांग्रेस तारीख पर तारीख देती रही, लेकिन उसका नतीजा यह निकला कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने कुछ लाइनो का पत्र लिखकर प्रदेश कांग्रेस को भेजा जिसमें लिखा था कि हमें नई कार्यकारिणी नहीं चाहिए बल्कि हम तो पुरानी कार्यकारिणी से ही काम चला लेंगे। अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या है कि नई कार्यकारिणी बनाने से हिचक रहे है, क्या कोई गड़बड़ की है जिसका भय सता रहा है।

आखिर नए कांग्रेसियो को कैसे किया जाएगा एडजेस्ट...

प्रदेश कांग्रेस को भेजे गए पत्र के बाद अब प्रदेश कांग्रेस क्या निर्णय लेती है इसका खुलासा तो 3 अप्रैल को भोपाल में होने वाली जिला अध्यक्षो व जिला प्रभारियो की बैठक मे ही हो सकेगा, लेकिन काफी संख्या में ऐसे कांग्रेसी है जो कार्यकारिणी में अपना नाम देखना चाहते है उनको खासी निराशा हो रही है ओर वह इस मामले को लेकर भोपाल में अपने नाराजगी कांग्रेस नेताओ के समक्ष दिखा चुके है। यहां बता दे कि जिला कार्यकारिणी में अभी जो लोग शामिल है उसमें संख्या बल तो काफी है, लेकिन जब कोई धरना प्रदर्शन करने का मौका आता है तो उसमें उपस्थिति मात्र 70 से 80 पदाधिकारियो की ही देखने को मिलती है, ऐसे में जो पदाधिकारी निष्क्रिय है उनको कार्यकारिणी मे ही रखने से आखिर शहर कांग्रेस अध्यक्ष को क्या फायदा है इसको लेकर कांग्रेस के अंदर ही कई तरह के सवाल उठ रहे है ओर उसका जवाब भी कांग्रेसी ही दे देते है।

गुटबाजी को मिल रही हवा, हो सकता है नुकसान

कांग्रेस भले ही यह कहते नही थक रही है कि शहर कांग्रेस एकजुट है, लेकिन जो देखने को मिल रहा है उससे तो यही लग रहा है कि गुटबाजी इस समय खासी सक्रिय है ओर नेताओ पर हावी भी। कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम में एक विधायक का लगातार गैरहाजिर रहना यह बताने के लिए काफी है कि जिस तरह से शहर कांग्रेस संचालित हो रही है उससे वह खासे नाराज है ओर उसी कारण से उन्होंने शहर कांग्रेस के अधिकांश कार्यक्रमो से दूरी बनाएं रखी है। कभी शहर कांग्रेस का दफ्तर कार्यकर्ताओ से भरा रहता था, लेकिन अब स्थिति यह है कि कांग्रेस भवन पर इक्का-दुक्का कांग्रेसी ही आते दिखते है ओर वह भी कुछ समय बैठकर निकल लेते है। इसको लेकर कुछ कांग्रेस नेताओ का कहना है कि जब कांग्रेस के शहर मुखिया किसी कार्यकर्ता व पदाधिकारी को महत्व ही नहीं देंगे तो वह क्यो अपना समय खराब करने आएंगे। खैर शहर कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी मंशा पत्र लिख कर जाहिर कर दी है कि हमें पुरानी नहीं बल्कि पुरानी कार्यकारिणी ही चाहिए, ऐसे में जो रिमांडर भेज रहे थे उनको यह समझ आना चाहिए कि आपके जो भी पत्र आते है उसमें कितनी गंभीरता है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

SCROLL FOR NEXT