जबलपुर, मध्य प्रदेश। वैसे तो अगर देखा जाए तो शहर में दोनों शीर्ष पार्टियों से महापौर पद के दावेदारों में कई नाम शामिल हैं, लेकिन सभी को आरक्षण का इंतजार है, लेकिन हाल में आरक्षण प्रक्रिया के लिए तिथि का ऐलान हो जाने से तमाम कयासों पर विराम लग गया है, जिससे अब आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होते हैं एक ही पार्टी से कई दावेदारों के नाम सामने आएंगे। जिससे पार्टियों को महापौर पद के लिए टिकिट देना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होगा, तो वहीं दावेदारों को भी टिकिट हासिल करने में भी ऐड़ी चोटी का जोर लगाना होगा, खैर यह तो अब आरक्षण प्रक्रिया के बाद ही पता चलेगा कि कौन-कौन महापौर पद के लिए दावेदारी पेश करेगा और कौन टिकिट हासिल कर पाएगा?
प्रदेश के नगर पालिक निगमों, नगर पालिका और नगर परिषदों के आरक्षण के लिए तिथि की घोषणा होने से तमाम दावेदारों की दिल की धड़कन तेज हो गई है, अब ऐसे में उनकी बैचेनी देखते ही बनती है, तमाम महापौर व अध्यक्ष पद के दावेदारों का एक-एक पल व दिन बड़ी ही मुश्किल से कट रहा है, सभी अपने-अपने नाम से आरक्षण हो इसके लिए पूजा-पाठ, दुआ और प्रार्थना करते हुए भी दिख रहे हैं, ताकि वर्षों की मेहनत का फल उन्हें आरक्षण प्रक्रिया के चलते मिल सके।
नहीं तो फिर जाएगा सभी उम्मीदों पर पानी :
गौरतलब है कि जबलपुर नगर निगम चुनाव में महापौर के दावेदारों के दोनों राष्ट्रीय पार्टियों से कई नाम आरक्षण प्रक्रिया के पहले से ही राजनीति गलियारों में गूँज रहे हैं। जिसको लेकर सभी आरक्षण प्रक्रिया से स्वयं को लाभ मिलने की प्रार्थना करते हुए देखे जा रहे हैं। क्योंकि ऐसे सभी वरिष्ठ नेताओं की लम्बें समय से महापौर पद के लिए तैयार चल रही है, अगर आरक्षण उनके नाम निकला तो तब तो ठीक है, वरना सभी की तैयारियों व उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा।
चर्चाओं का बाजार है गर्म :
राजनीति गलियारों से लेकर गली-मोहल्लों व सड़कों और चायपान के ठेलों में इस बात की चर्चा हैं कि महापौर पद का आरक्षण बस हो जाने दो फिर देखना हमारे भैया ही महापौर पद के लिए टिकिट लाएंगे। ऐसा एक पार्टी के नहीं बल्कि भाजपा व कांग्रेस दोनों राजनैतिक दल के वरिष्ठ नेताओं के कार्यकर्ता चर्चा करते हुए देखे जा रहे हैं।
टिकिट के दावेदारों में कई नेताओं के चेहरे आएंगे सामने :
नगर निगम के महापौर पद के आरक्षण के लिए कई नेताओं को लम्बें समय से इंतजार था, लेकिन इस इंतजार की घड़ी को आरक्षण की तिथि की घोषणा होने से विराम लगा दिया गया है, अब आरक्षण प्रक्रिया हो जाने दिया जाए, जिसके बाद और भी ऐसे नए-नए चेहरे महापौर पद के लिए सामने आएंगे, जिसका नाम दावेदारों के नामों भी शामिल नहीं था। सभी आरक्षण होने की प्रक्रिया का इंतजार कर रहे थे, कि अभी से महापौर पद के लिए नाम चलाना ठीक नहीं होगा, इसलिए अब 9 दिसम्बर के बाद से ही पता चलेगा कि कौन-कौन महापौर पद के लिए अपना नाम आगे लाते हैं और किसको टिकिट मिल पाती है।
भोपाल में तय होगा अध्यक्ष व महापौर का भविष्य :
गौरतलब है कि प्रदेश के नगर पालिक निगमों, नगर पालिका और नगर परिषदों के आगामी सामान्य निर्वाचन के लिये महापौर/अध्यक्ष पद के आरक्षण की कार्यवाही 9 दिसम्बर, 2020 को सुबह 11 बजे से रवीन्द्र भवन, भोपाल के सभागृह में की जायेगी। महापौर/अध्यक्ष पद के आरक्षण की कार्यवाही 407 नगरीय निकायों के लिये की जायेगी। इसके लिए सभी इस दिन का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
प्रदेश की नगरीय निकायों पर एक नजर :
प्रदेश में कुल 407 नगरीय निकाय हैं।
प्रदेश में 16 नगर पालिक निगम हैं।
प्रदेश में 99 नगर पालिका हैं।
प्रदेश में 292 नगर परिषद हैं।
फिर शुरू होगी टिकिट के लिए दौड़
पहले तो आरक्षण को लेकर सभी दावेदारों को इंतजार था, लेकिन उसकी डेट निर्धारित होने व आरक्षण हो जाने के बाद सभी दावेदारों को अपनी-अपनी पार्टियों से टिकिट हासिल करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगान पड़ेगा, इसके लिए सभी दावेदारों को भोपाल से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगानी पड़ेगी, तब जाकर कहीं टिकिट हासिल हो पाएगी।
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