Ragging in Ratlam: रतलाम के सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों के साथ सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग का मामला सामने आया था। इस मामले की अनुशासन समिति ने जांच पूरी कर ली है। जांच में सात छात्रों को दोषी पाया गया है। इसके बाद मेडिकल कालेज प्रशासन ने आरोपित सातो छात्रों को छह माह के लिए हास्टल से निलंबित कर दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में सैलाना के आम्बापाड़ा निवासी मुकेश निनामा, आलोट के बामनखेड़ी निवासी पियूष पाटीदार, सैलाना के ग्राम रिछी निवासी करण मेडा, धार के खड़ियाघाट भानपुरा निवासी सावन कलमे, हतनारा निवासी निलेश पाटीदार, धार के डही कुक्षी निवासी दीपक निगवाल और मंदसौर के भानपुरा निवासी विशाल पाटीदार पर जूनियर छात्रों से रैगिंग करने और मारपीट के मामले में प्रकरण दर्ज किया है।
मंत्री विश्वास सारंग का बयान :
मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Vishvas Sarang) का फिर बयान सामने आया है। मंत्री विश्वास सारंग ने बयान देते हुए कहा कि रैगिंग के मामलों में होगा जीरो टॉलरेंस, रतलाम मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में छात्रों के रैगिंग किये जाने की सूचना मिलते ही मैंने तत्काल कार्यवाई के निर्देश दिये थे। रैगिंग में संलिप्त 2020 बैच के 07 छात्रों को 01 वर्ष के लिए निलंबित किया गया है।
संलिप्त छात्रों पर पुलिस में FIR भी दर्ज कराई गई है। हॉस्टल वार्डन को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है।चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग
कल मंत्री विश्वास सारंग ने दिया था ये बयान-
बता दें कि, कल ही मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बयान देते हुए कहा था कि, रतलाम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वरिष्ठ छात्र ने जूनियर छात्रों को कतार में खड़े करके थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया है। विश्वास सारंग ने कहा- "रैगिंग (Ragging) पूरी तरह से बैन है फिर भी ऐसी शिकायत आई है तो उस पर जांच के बाद कार्रवाई होगी"
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