किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर सदन में हंगामा, कार्यवाही स्थगित Social Media
मध्य प्रदेश

भोपाल : किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर सदन में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

भोपाल, मध्यप्रदेश : मप्र विधानसभा में मंगलवार को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने किसान कर्जमाफी का मुद्दा उठाया। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बहिर्गमन किया।

Author : राज एक्सप्रेस

भोपाल, मध्यप्रदेश। मप्र विधानसभा में मंगलवार को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने किसान कर्जमाफी का मुद्दा उठाया और इस बात को लेकर सत्तारूढ़ दल भाजपा और विपक्षी दल के सदस्यों के बीच आरोप प्रत्यारोपों के चलते सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करना पड़ी। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बहिर्गमन किया।

प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के कुणाल चौधरी ने यह मामला उठाते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों की कर्जमाफी की योजना लागू की थी। वे मौजूदा सरकार से जानना चाहते थे कि किसानों की ऋणमाफी योजना जारी रखी जाएगी या नहीं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार को लेकर एक टिप्पणी भी कर दी, जिसे कार्यवाही से विलोपित कर दिया गया।

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि श्री चौधरी ने सदन के सदस्यों का अपमान किया है। उन्होंने श्री चौधरी की टिप्पणी के संदर्भ में कहा कि विधायकों ने त्यागपत्र दिया था और वे फिर से चुनाव जीतने के बाद सदन में आए हैं। इन्हें किसानों ने ही जिताया है और वे सभी भारी मतों से जीते हैं। श्री पटेल ने अन्य बातें भी कहीं, लेकिन श्री चौधरी जानना चाह रहे थे कि सरकार किसानों की ऋणमाफी योजना जारी रखेगी या नहीं। विपक्षी सदस्यों की टोकाटाकी के बीच श्री पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और एक राष्ट्रीय दल के वरिष्ठ नेता को लेकर टिप्पणियां प्रारंभ कर दीं। वहीं कांग्रेस सदस्य भी एकसाथ बोलने लगे और वे भी केंद्र सरकार को लेकर आरोप लगाने लगे। श्री पटेल का आरोप था कि पूर्ववर्ती सरकार ने किसानों के साथ कर्जमाफी के नाम पर धोखा किया है। इस बीच सत्तारूढ़ दल की ओर से संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और अनेक विधायक बोलते रहे तो कांग्रेस की ओर से जीतू पटवारी और अन्य विधायक भी एकसाथ बोलने लगे। सदन शोरगुल में डूब गया। अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सभी से शांत रहने का अनुरोध किया। लगातार अनुरोध का कोई असर नहीं होता देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। पांच मिनट बाद सदन समवेत होने पर कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य डॉ गोविन्द सिंह ने अध्यक्ष से कहा कि वे सरकार से जवाब दिलवा दें। कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने भी यही मांग की, वहीं सत्तारूढ़ दल के सदस्य पूर्ववर्ती सरकार पर धोखा देने के आरोप दोहराते रहे। शोरशराबे के बीच डॉ गोविन्द सिंह ने सरकार पर जवाब नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा कि बहिर्गमन की घोषणा की और कांग्रेस सदस्यों ने बहिर्गमन कर दिया।

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