ग्वालियर, मध्यप्रदेश । हर नवयौवना सपनों के राजकुमार का सपना देखती हैं,लेकिन प्रदेश के अलग अलग हिस्सों से ग्वालियर आ रही 25 युवतियों ने किसी इंसान की बजाय भगवान से शादी करने का फैसला किया है। इसके साथ 4 मई को यहां दृढ़ संकल्प समारोह होगा, जिसमें प्रदेश की 55 कन्याओं की भगवान के साथ सगाई होगी। प्रदेश के हजारों लोग इस आयोजन के साक्षी बनेंगे।
महाराज पुरा स्थित ब्रह्माकुमारीज गोल्डन वर्ल्ड रीट्रिट सेंटर में यह अनूठा आयोजन होने जा रहा है, जिसमें ये लड़कियां शिवलिंग के साथ फेरे लेकर अपना संपूर्ण जीवन लोक कल्याण के लिए समर्पित कर देंगी, इसलिए इस आयोजन को भी समर्पण महोत्सव का नाम दिया गया है। अंचलभर के साथ समूचे प्रदेश के हजारों लोग इस आयोजन के साक्षी बनेंगे। राजयोगिनी शारदा एवं शैलजा दीदी ने बताया कि यह फैसला इन लड़कियों का खुद का है। ब्रह्माकुमारी संस्थान में आकर इन 25 दिव्य कन्याओं ने जो शांति और आनंद की अनुभूति की, उससे प्रेरित होकर उन्होंंने अपना संपूर्ण जीवन किसी इंसान की बजाय भगवान को समर्पित करने का फैसला किया है।
यह निर्णय तो वह पांच साल पहले ही कर चुकी थीं, लेकिन पांच साल तपस्वियों की भांति जीवन व्यतीत करने एवं कठिन प्रशिक्षण हासिल करने के बाद ही उन्हें यह सौभाग्य मिलने जा रहा है। इसके बाद ये लड़कियां साधरण युवती नहीं रहेंगी बल्कि ब्रह्माकुमारी कहलाएंगी, हालांकि समय समय पर ये अपने परिवार के उत्सव एवं अन्य आयोजनों में संस्थान की अनुमति लेकर घर भी जा सकेंगी।
शादी के बाद पहनेंगी सफेद वस्त्र
इंसान के साथ शादी करने वाली नारी सोलह श्रृंगार करती है, लेकिन भगवान से शादी करने वाली ब्रह्माकुमारी बहिनें सफेद वस्त्र पहनती हैं। इसके पीछे तर्क यह है कि संपूर्ण सृष्टि के रचियेता ब्रह्मा की बेटियां ब्रह्माकुमारी हैं। प्रथम ब्रह्मा बेटी सरस्वती भी सफेद वस्त्र धारण करती हैं, जो सच्चाई, शांति और स्वच्छता का प्रतीक है।
55 बेटियों की होगी भगवान से सगाई
इसके साथ 4 मई को यहां दृढ़ संकल्प समारोह होगा, जिसमें प्रदेश की 55 कन्याओं की भगवान के साथ सगाई होगी। भगवान से सगाई के बाद यदि किसी युवती का मन बदलता है तो वह वापस गृहस्थ जीवन में जा सकती है,लेकिन संस्थान के लोग बताते हैं कि ऐसा यदा क दा ही हुआ है। एक बार भगवान की सेवा में आने के बाद कोई वापस जाने का मन नहीं करता है। आयोजन के अंतिम दिवस 5 मई को पुरूषों के लिए बुद्धि समर्पण दिवस आयोजित होगा, जिसमें 75 लोग अपना बुद्धि विवेक भगवान को समर्पित कर शेष जीवन मानव कल्याण में लगाने का फैसला करेंगे।
शादी करने से पहले क्या बोली
मुझे मेरी माताजी ने भगवान को अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने की प्रेरणा दी।मैं उनके साथ ब्रह्माकुमारीज सेंटर में जाकर मेडिटेशन करती थी, जहां से मेरी संकल्प शक्ति इतनी मजबूत हुई कि बारहवीं कक्षा में टॉप कर अपने शतप्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया। हर लड़की सुंदर दूल्हे की कल्पना करती है, भगवान से सुंदर दूल्हा कौन हो सकता है।
शिल्पी, झांसी एमएमसी
मैं एक किसान परिवार से ताल्लुक रखती हूं। ब्रह्माकुमारी सेंटर में मुझे बहिनों की सादगी के साथ मुस्कराहट और आनंदमयी जीवन ने प्रभावित किया। आज इंसान से शादी करने बाद पारिवारिक जीवन में कलह है,ऐसे में मैंने शिवबाबा से शादी करने का फैसला किया है।
प्रीति छतरपुर, बीए
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