हाइलाइट्स :
निर्मला सीतारमण ने बताया, 2014 - 2024 तक एमपी को 5 लाख करोड़ रूपए मिला है।
एमपी चौमुखी विकास करने वाला प्रदेश है।
2003 के बाद एमपी में हुआ तेज़ी से विकास।
(हिमांशु सिंह बघेल) भोपाल। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को मीडिया सेंटर भोपाल में प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश को बीमारू से बेमिसाल राज्य बताया है। उन्होंने मध्यप्रदेश को 5G सूत्र दिए हैं। इस 5G सूत्र में शामिल है - ग्रोथ, गुड गवर्नेंस ,गुडविल, गारंटी पीएम मोदी की और गरीब कल्याण। निर्मला सीतारमण ने कहा, मध्यप्रदेश एक आल - राउंड डेवलपमेंट का परफेक्ट उदाहरण है। एमपी चौमुखी विकास करने वाला प्रदेश है।
क्या कहा केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने -
मध्यप्रदेश में 2003 से लेकर आप अबतक कितनी प्रगति देख रहे हैं। मध्यप्रदेश बनने के बाद 2003 से इंडस्ट्री हो, एग्रीकल्चर हो और सोशल वेलफेयर हो एमपी हर जगह अच्छा कर रहा है। उन्होंने कहा कि बीमारू से बेमिसाल राज्य का 5G मंत्र। जिसमें मध्यप्रदेश का उदाहरण स्पष्ट दिखता है। ग्रोथ, गुड गवर्नेंस ,गुडविल, गारंटी पीएम मोदी की और गरीब कल्याण योजनायें। ये 5 सूत्र हैं जिसके कारण आज मध्यप्रदेश बेमिसाल राज्य है।
आगे उन्होंने कहा कि ये सब बोलने में अच्छा लगता है, पर जनता 5G पर विश्वास क्यों करेगी, मैं आंकड़े बताती हूँ ... । मध्यप्रदेश का पर कैपिटा इनकम (per capita income) 10 साल में एवरेज और 2002 में 11 हज़ार 171 पर कैपिटा इनकम (per capita income) था। आज मध्यप्रदेश में 2023 में पर कैपिटा इनकम 12 गुना बढ़कर 1.40 लाख है। बीमारू राज्य से बाहर आने का पहला उदाहरण। दूसरा जिसके ऊपर बहुत गलत बयानबाज़ी चल रही है। उसके फैक्ट्स मैं आपके सामने बताती हूँ। 2002 में डेट (कर्ज) टू जीडीपी रेश्यो 31.6 % था, मगर आज कम होते हुए 27.8 % है। मैंने गुड गवर्नेंस को 5 जी के दूसरे नंबर पर जिक्र किया क्योंकि, जब एक स्टेट डवेलपमेंट के रास्ते पर चलता है उसका कर्जा कम होता है।
निर्मला सीतारमण ने इसके आगे बताया कि केंद्र और राज्य के टैक्स में जो बंटवारा होता है टैक्स Debolution के नाम पर जो बातें बोली जाती हैं। टैक्स Debolution परसेंटेज फाइनेंस कमीशन के द्वारा तय होता है। केंद्र सरकार उसको स्वीकार करती हैं फिर 5 या 6 साल हों उसी के हिसाब से फाइनेंस कमीशन के कार्यकाल में केंद्र सरकार और राज्यों के बीच टैक्स Debolution का बंटवारा होता है। इससे पहले 10 साल जो 2004 से लेकर 2014 केंद्र में यूपीए की सरकार थी, उस समय मध्यप्रदेश को 1.82 लाख करोड़ ही मिलता था। 2014 - 2024 तक मध्यप्रदेश को 5 लाख करोड़ मिला है।
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