ग्वालियर, मध्यप्रदेश । ग्वालियर ऐतिहासिक धरोहरों व संगीत कला के क्षेत्र में समृद्ध नगरी है। ग्वालियर को सिटी ऑफ म्यूजिक घोषित कराने के लिये यूनेस्को (Unesco Proposal ) को भेजे जा रहे प्रस्ताव में आज की बैठक में मिले सुझावों को शामिल किया जायेगा। यह बात महापौर डॉ. शोभा सिकरवार ने कही। वह गुरुवार को तानसेन रेसीडेंसी में यूनेस्को को भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर चर्चा के लिए आयोजित हुई बैठक को संबोधित कर रहीं थी। इस दौरान संभागायुक्त दीपक सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
राज्य शासन के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग द्वारा ग्वालियर शहर को यूनेस्को से म्यूजिक सिटी घोषित कराने के लिये विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के चार शहरों ग्वालियर, इंदौर, भोपाल व चंदेरी में यूनेस्को के मापदण्डों के आधार पर कराए गए अध्ययन के बाद ग्वालियर का चयन क्रिएटिव सिटी ऑफ म्यूजिक के लिये किया गया है और यूनेस्को के लिये डोजियर तैयार कराया जा रहा है।
गुरुवार को तानसेन रेसीडेंसी में आयोजित हुई बैठक में संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने कहा खुशी की बात है कि राज्य शासन के संस्कृति विभाग द्वारा ग्वालियर को म्यूजिक सिटी घोषित कराने की पहल की गई है। उन्होंने कहा म्यूजिक सिटी घोषित होने पर ग्वालियर की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टूरिस्ट सेंटर के रूप में पहचान स्थापित होगी। राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य प्रो साहित्य कुमार नाहर ने कहा कि ग्वालियर की सांगीतिक परंपरा अत्यंत समृद्धशाली है।
इन परंपराओं को वर्तमान में सिंचित कर फिर से गरिमामयी व गौरवशाली बनाने के लिये साझा प्रयास जरूरी है। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि ग्वालियर को शहर की कला व संस्कृति को साझा प्रयासों से आगे बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि कला व संस्कृति से पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के अपर प्रबंध संचालक विवेक श्रोत्रिय ने इस अवसर पर जानकारी दी कि यूनेस्को द्वारा सात श्रेणियों में क्रिएटिव सिटी घोषित की जाती हैं। जिसकी म्यूजिक श्रेणी के तहत मध्यप्रदेश शासन ने ग्वालियर को चयनित किया है।
बैठक में धरातल संस्था द्वारा विस्तृत प्रजेण्टेशन दिया गया। संस्था के प्रतिनिधियों ने बताया कि यूनेस्को को भेजे जा रहे डोजियर में ग्वालियर में वर्ष भर आयोजित होने वाले सांगीतिक समारोहों व अन्य गतिविधियों, संगीत के लिये उपलब्ध अधोसंरचना, संगीत विश्वविद्यालय व महाविद्यालय, हैरीटेज विरासत इत्यादि को शामिल किया जायेगा। साथ ही कला मर्मज्ञों के सुझाव शामिल किए जायेंगे।
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