ग्वालियर, मध्यप्रदेश। कोविड-19 की गाईड लाईन के चलते जिला प्रशासन द्वारा इस वर्ष चकरी के मेले के आयोजन पर रोक लगा दी है। यह बेहतर प्रयास है लेकिन सवाल यह है कि जो राजनीतिक आयोजन हो रहे हैं या बाजारों में हजारों लोगों की जो भीड़ उमड़ रही है उस पर रोक लगाने के लिए किसी तरह के प्रयास क्यों नहीं किए जा रहे। प्रशासन जो कदम उठा रहा है क्या वह दिखावे के लिए है।
रखाबंधन के दूसरे दिन प्रतिदिन उपनगर ग्वालियर के मनोरंजनालय मैदान पर चकरी का मेला आयोजित किया जाता है। यह परम्परा कई दशकों से चली आ रही है। लेकिन कोविड-19 की गाईड लाइन का पालन कराने के चक्कर में इस बार चकरी के मेले का आयोजन रद्द कर दिया गया है। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार नगर निगम द्वारा यह सूचना जारी की गई है। सवाल यह है कि कोविड-19 की गाईड लाईन का पालन कराना बहुत अच्छा है। लेकिन जिस तरह राजनीतिक कार्यक्रमों में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ रही है उस पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही। आज केन्द्रीय मंत्री के आगमन पर रैली निकाली गई इसमें हजारों कार्यकर्ता मौजूद थे। कई जगहों पर स्वागत सत्कार के कार्यक्रम आयोजित हुई वहां कोविड-19 गाईड लाईन का पालन नहीं हुआ। वहीं दूसरी तरफ 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा निकाली गई इसमें लगभग 3000 लोग शामिल हुए। इस आयोजन को करने वालों पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। गुरूवार को मोहर्रम एवं रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए महाराज बाड़े पर हजारों लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। बड़ी संख्या में खरीददार बाजार में पहुंचे थे। इस दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया न गाईड लाईन को देखा गया। जबकि प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले चकरी के मेले का आयोजन रद्द कर दिया गया है। इससे लग रहा है कि शहर में सिर्फ कोविड गाईड लाईन का दिखावा किया जा रहा है।
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