उमरिया, मध्य प्रदेश। शासन ने जिन्हें योजना के क्रियान्वयन और जमीनी स्तर पर उसे लागू करने का जिम्मा सौंपा है, स्वयं जिम्मेदार योजनाओं के लिए सुरसा बने हुए हैं। पाली जनपद की दर्जनों पंचायतों में भ्रष्टाचारियों को वित्तीय प्रभार देकर और भ्रष्टाचार करने के लिए छोड़ दिया गया है, ग्रामीणों की शिकायत और उसके बाद जांच प्रमाणित होने के बावजूद ऐसे लोगों को पर जहां मामला दर्ज होना चाहिए, वहां उन्हें उपकृत कर दिया गया।
जिले में आदिवासियों के उत्थान एवं ग्राम विकास के लिए आई योजनाओं में जिला पंचायत, जनपद पंचायत सहित ग्राम पंचायत के जिम्मेदार ग्रहण बने हुए हैं, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को धोखे में रखकर जिला पंचायत के तथाकथित जिम्मेदारों ने ग्राम पंचायतों की हुई शिकायत के बाद हुई जांच से भी संभवत: अधिकारी को अवगत नहीं कराया है। जनपद पंचायत बिरसिंहपुर पाली की ग्राम पंचायतों में बगैर निर्माण कार्य एवं पुराने कार्य को नवीन कार्य दिखाकर राशि आहरित की गई।
यह है मामला :
1 वर्ष पहले जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत चांदपुर के ग्रामीण द्वारा कमिश्नर कार्यालय में प्रभारी सचिव एवं रोजगार सहायक अशोक सिंह, सरपंच छोटेलाल बैगा के विरूद्ध पंचायत की शासकीय राशि दुरूपयोग की जांच में पाये गये, लेकिन सरपंच एवं सचिव के विरूद्ध किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं गई है।
यह किया था जिम्मेदारों ने :
ग्राम पंचायत चांदपुर में पुराने कूप निर्माण में नया निर्माण दिखाया गया, ग्राम बाघन्नारा में करनलाल बैगा के घर के पीछे वाटर शेड का तालाब पहले बना था, उस तालाब में मिट्टी डालकर नया तालाब निर्माण दिखाया गया, प्रभारी सचिव एवं रोजगार सहायक अशोक सिंह एवं सरपंच छोटेलाल बैगा ने बिना निर्माण कार्य के राशि आहरण किया।
लगाये गये फर्जी बिल :
शिकायतकर्ता ने कमिश्नर कार्यालय में दी गई शिकायत में उल्लेख किया था कि 06 मई 2019 को कथित जिम्मेदारों द्वारा 1 लाख 10 हजार आहरित किया गया, इसके पूर्व 24 अप्रैल 2019 को 64 हजार रूपये का आहरण किया गया, जिसकी शिकायत कलेक्टर कार्यालय में 03 सितम्बर एवं सीएम हेल्प लाईन में 09 मार्च 2019 को दर्ज कराई गई थी।
प्रमाणित हुआ भ्रष्टाचार :
सीएम हेल्प लाईन सहित कमिश्नर कार्यालय में शिकायत के बाद ग्राम पंचायत चांदपुर में जांच के लिए समन्वयक पतरूराम भगत को भेजा गया, जिसमें जांच के दौरान प्रभारी सचिव अशोक सिंह एवं सरपंच छोटेलाल बैगा को दोषी पाया गया, लेकिन कथित भ्रष्टाचारियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं हो सकी। जिससे ग्राम पंचायत में कथित भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद है।
यह भी है आरोप :
ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक अशोक सिंह के खिलाफ आरोप है कि उनके द्वारा सीसी रोड निर्माण कर्य उदयभान यादव के घर से जंगबली सिंह के घर तक उसमें नाली निर्माण कार्य बताया था, लेकिन नाली नहीं बनाई गई, वहीं समयपाल अगरिया के घर से सुग्रीव सिंह के घर तक सीसी रोड निर्माण कराया गया, उसमें भी नाली निर्माण कार्य बताया गया था, लेकिन नाली नहीं बनाई गई।
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