भारी पड़ेगी जल संसाधन की लापरवाही राज एक्सप्रेस, संवाददाता
मध्य प्रदेश

Umaria : भारी पड़ेगी जल संसाधन की लापरवाही

उमरिया, मध्यप्रदेश : टूटी नहरों से खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा सिंचाई का पानी। व्यर्थ चपहा नाले में बह रहा बांध का पानी।

राज एक्सप्रेस

उमरिया, मध्यप्रदेश। जिला मुख्यालय के समीपस्थ उमड़ार जलाशय किसानों का जीवन दाता बना हुआ है। किंतु कुछ वर्षों से बांध से कृषि सिंचाई के लिए निर्मित नहरों में घास का अत्यंत जमाव हो गया है, इसके अलावा कई स्थानों से नहर टूटी हुई हैं, विभागीय जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते नहर में पानी चलने पर रिसाव होकर लगभग 70 प्रतिशत पानी चपहा नाले में समा जाता है। जबकि कृषि के अलावा उमरार जलाशय के पानी को उमरिया नगर में जलापूति के लिए सुरक्षित किया गया है। बांध से नहरों में लगभग पखवाड़ा भर से भी अधिक समय से पानी चल रहा है, किंतु अभी आधे किसानों के खेतों की सिंचाई पूर्ण नहीं हो पाई। जिसकी वजह यह है कि नहरों के टूटे होने के कारण एक तिहाई पानी ही कृषि भूमि तक पहुंच रहा है, बाकी का पानी तो चपहा नाले को समा रहा है। जबकि बांध में पानी का मुख्य स्रोत बरसाती पानी ही है, इससे जुड़ी नदी में पानी की आवक न के बराबर है।

लापरवाह हुए जिम्मेदार :

विभाग की लापरवाही के चलते आने वाले दिनों में किसानों सहित शहर वासियों को पानी की किल्लत उठानी पड़ेगी, यदि किसी तरह तत्काल में फसलों को पानी मिल भी गया, उसके बाद भी धान की ही फसल को एक बार पुन: पानी की आवश्यकता पड़ सकती है, इसके उपरांत आगामी रबी की फसलें हैं, विभाग के पास कोई ऐसा विकल्प नहीं है, जिससे उक्त बांध भरा जा सके, अगर किसानों की फसल पानी के आभाव में बर्बाद हो गई और शहरवासियों को पानी की समस्या से दो चार होना पड़ा तो, इसका जवाबदार कौन होगा, यह खुद वरिष्ठ अधिकारी समझ सकते हैं।

ठेंगा दिखा रहा जिम्मेदार विभाग :

सरकारें किसानों के हितों के लिए किसान सम्मान निधि एवं जल के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक कर सोखता, छोटे बांध, घर की छतों में पानी स्टॉक करना आदि का मुहिम चला रही है, तो दूसरी ओर जल संसाधन विभाग की लापरवाही आने वाले समय में किसानों एवं आमनागरिकों को भोगनी पड़ सकती है, जानकारों का कहना है कि नहर निर्माण के दौरान गुणवत्ता से किया गया समझौता अब नहर के टूटने से समझ में आ रहा है, इसके अलावा समय पर नहर की सफाई न होना, विभाग के जिम्मेदारों की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है।

मुखिया को है जानकारी :

पीड़ित किसानों के द्वारा जल संसाधन विभाग के आलाधिकारियों के साथ-साथ लगातार कलेक्टर को भी इस बात की जानकारी सोशल मीडिया सहित फोन के माध्यम से अवगत कराया जा रहा है, किंतु किसानों की समस्या का निराकरण अभी तक नहीं हो पाया, फिर भी अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली की पहचान रखने वाले मुखिया से उक्त मामले में किसानों को समस्या के निराकरण की अपेक्षा है, उम्मीद है कि नाले में बह चुके बांध के पानी की चिंताओं से किसानों को मुक्ति दिलाकर उनकी आगामी फसलों को भी सिंचाई हेतु आवश्यकतानुसार पानी मुहैया करवाने में अपनी विशेष भूमिका अदा करेंगे।

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