हाइलाइट्स :
नक्शा दिखाकर प्लॉट बेच रहा नेचर सिटी
उपभोक्ताओं के फंसने के बाद जागेंगे विभाग
उमरिया, मध्यप्रदेश। नियमों को तोड़ते हुए चतुर्वेदी बंधु एवं भू-स्वामी दौलत खान द्वारा होर्डिंग लगाकर लगातार प्लाट बेचे जा रहे हैं और जीएसटी कर की चोरी कर रहे हैं, सारी कमियों के बावजूद धड़ल्ले से स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर खुलेआम ग्राहकों को लूटने के लिए नेचर सिटी को खुला संरक्षण दिया गया है।
जिले के बिरसिंहपुर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत पटपरा पोड़ी में नेचर सिटी द्वारा कॉलोनी का अवैध निर्माण कर लोगों को धोखे में रखकर प्लाट व फ्लैट बेचा जा रहा है, सूत्रों की मानें तो ग्राम पंचायत में बनाए जा रहे नेचर सिटी का रेरा में रजिस्ट्रेशन भी नहीं है और ग्राम तथा नगर निवेश का नक्शा दिखा कर लोगों को धोखे में रखकर बिक्री किया जा रहा है, जिसमें से लगभग आधा दर्जन प्लॉट बेचे जा चुके हैं। ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि उक्त कृषि भूमि दौलत खान नामक व्यक्ति की है, उक्त कृषि भूमि पर ग्राम पंचायत से कॉलोनी बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं ली गई है। इसके बावजूद भी न जाने कौन सी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए उक्त जमीनों पर लगभग आधा सैकड़ा प्लाट काटकर बेचा जा चुका है, ऐसा ना हो कि कुछ दिनों के बाद जो लोग अपना पैसा लगाकर उक्त जमीन को खरीदे हैं, वह अवैध ना घोषित हो जाए।
ग्राम पंचायत की नहीं है अनापत्ति :
पटपरा ग्राम पंचायत क्षेत्र में कॉलोनाइजर के प्रबंधकों के पास ग्राम पंचायत की अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं है, बावजूद इसके धड़ल्ले से कृषि भूमियों को टुकड़े में काट-काट कर बेचा जा रहा है, ग्राम पंचायत के सरपंच ने बताया कि नेचर सिटी की जमीन दौलत खान नामक व्यक्ति की कृषि भूमि है, जिस पर ग्राम पंचायत की अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए ही कालोनी का निर्माण किया जा रहा है, जिसका ग्राम पंचायत के द्वारा पहले भी विरोध किया गया था, लेकिन बड़े-बड़े लोगों का हाथ होने के कारण कोई सुनवाई नहीं हो पाई, ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं ली गई है तो, रेरा का रजिस्ट्रेशन तो हो ही नहीं सकता, इसके बावजूद भी कॉलोनाइजर द्वारा लगभग आधा दर्जन से भी ज्यादा प्लाट के मकान बेचे जा चुके हैं।
कॉलोनाइजर उड़ा रहे धज्जियां :
रेरा के गाइडलाइन के अनुसार जब तक किसी भी बिल्डर्स या कॉलोनाइजर के पास रेरा का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा और साथ ही लगभग 80 प्रतिशत आंतरिक कार्य नहीं हो जाते हैं, तब तक कोई भी प्लाट बेचा नहीं जा सकता, रेरा के सेक्शन 3 में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि बगैर रेरा के रजिस्ट्रेशन कराएं बिना प्रमोटर बिक्री के लिए विज्ञापन, किताब या बिक्री का इश्तहार नहीं कर सकता, लेकिन नेचर सिटी में सब कुछ उल्टा चल रहा है, इसी प्रकार सेक्शन 9 ने स्पष्ट किया गया है कि बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के कोई भी एजेंट किसी प्रोजेक्ट को नहीं बेचा जा सकता, जो भी बिक्री एजेंट करेंगे उनमें उनका रेरा नंबर भी लिखा होना चाहिए, अगर इस बीच नियमों का उल्लंघन कर कार्य किया जाता है तो रेरा का रजिस्ट्रेशन भी हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जा सकता है।
पारदर्शिता की कमी :
पटपरा ग्राम पंचायत में बन रहे अवैध कॉलोनी पर भूस्वामी दौलत खान एवं कॉलोनाइजर चतुर्वेदी बंधुओं की आपसी भूमि संबंधी समझौता पर पारदर्शिता की कमी है, क्योंकि यह भूमि ग्राम पंचायत की कृषि भूमि है, उक्त जमीन को शासन के जिम्मेदार पटवारी, आरआई ने मिलकर डायवर्सन तो कर दिया, लेकिन इनकी कीमत ग्राम पंचायत के अनुसार वसूली गई है, जबकि आज की स्थिति में स्क्वायर फीट के हिसाब से अलग-अलग टुकड़ों में बेचने से भूस्वामी वाले ने वाले ग्राहकों के बीच लाखों की डील हो रही है, जिस पर भू-वामी व कालोनाइजर दोनों मोटी रकम कमाकर शासन को क्षति पहुंचाने में लगे हैं।
जुगाड़ से टैक्स की चोरी :
रेरा के नियमों के तहत भूमि खरीदने एवं निर्माण कार्य के लिए एक अलग से खाता बनाकर संबंधित विभाग को प्रेषित करना पड़ता है, जिसमें स्पष्ट होता है कि उक्त भूमि को खरीदने एवं निर्माण करने में कितने की लागत लगी है और लगभग 70 प्रतिशत इस खाता से ही लेनदेन होते रहना चाहिए और समय-समय पर हर 3 महीने में ऑडिट होना चाहिए , लेकिन नेचर सिटी के द्वारा जीएसटी की चोरी करने की नियत से अभी तक कोई भी खाता ऑनलाइन में डालकर प्रेषित नहीं किया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि करोड़ों की हेराफेरी कर जीएसटी कर की चोरी कॉलोनाइजर्स कर रहे हैं।
इनका कहना है :
मामले की जांच तहसीलदार सौंपी गई है, जल्द ही रिपोर्ट सामने आयेगी।नेहा सोनी, एसडीएम, बिरसिंहपुर पाली
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