मध्यप्रदेश। एमपी में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लगातार शराबबंदी की बात कह रही है, अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाली उमा भारती ने एक बार फिर शराबबंदी को लेकर हुंकार भरी है और डिंडोरी जिले में जिला प्रशासन को शराब दुकान को हटाने की चेतावनी दी है।
स्कूल और तिरंगा स्थल के बीच शराब दुकान
बता दें, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती डिंडौरी पहुंची, यहां उन्हें सूचना मिली है कि, स्कूल और तिरंगा स्थल के बीच शराब की दुकान खुली है, जिसके बाद वो तत्काल वहां पहुंची और उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और स्कूल के समीप संचालित शराब दुकान को हटाने की जिला प्रशासन को चेतावनी दी है, कहा कि दुकान नहीं हटने पर फिर आउंगी।
एक के बाद एक किए कई ट्वीट-
शराब बंदी को लेकर उमा भारती के तेवर फिर सख्त हो गए हैं, उमा भारती ने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा कि, 2 अक्टूबर गाँधी जयंती पर भोपाल में नशा विरोधी बहुत बड़े कार्यक्रम में बाबा योगी, चिन्मय पाण्ड्या, कमलेश दाजी सबके उपस्थिति में सीएम शिवराज जी ने घोषित किया था कि नई शराबनीति हम सबसे परामर्श करके बनायेंगे एवं पुरानी नीतियों की ख़ामियों को पहले ही दुरुस्त कर लेंगे। ऐसे में सारे नियमों का उल्लंघन करती हुई शराब की 2 दुकाने डिंडोरी जिले के शहपुरा में हैं। स्कूल हैं, तिरंगा हैं, बगल में 2 जजों के घर हैं।
उमा ने ट्विटर पर शेयर किया एक वीडियो
उमा भारती ने कहा कि, सभी नागरिक एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं के घोर विरोध के बाद भी यह दुकाने क्यूँ हैं? यह हमारी व्यवस्था, हमारी सरकार तथा हम सबको नीचा दिखा रही हैं, लज्जित कर रही हैं। इसके साथ ही उमा ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया।
आगे उमा भारती ने कहा कि, नई शराबनीति तो हम सबसे परामर्श करके बनेगी ऐसा सीएम शिवराज जी ने घोषित किया था, लेकिन पुरानी शराबनीति के ख़ामियों को हम दुरुस्त नही कर पाये। भोपाल का हनुमान दुर्गा मंदिर एवं ओरछा की शराब की दुकाने इसका उदाहरण हैं, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर शिवराज जी के साथ भोपाल में नशा विरोधी जो सरकारी कार्यक्रम हुआ उसके बाद जब मैंने बहुत ही अनैतिक कुछ दुकानों को बंद कराने की चेष्टा की तो थोड़े समय के लिए बंद होकर वह फिर खुल गईं, क्योंकि उन्हें कोर्ट से स्टे मिल गया। स्टे का आधार था कि देशी एवं विदेशी शराब की दुकानों एवं अहातों के लिए उनको सरकार की नीति के अनुसार लाइसेंस मिला हुआ है।
1 अप्रैल 2022 से लागू हुई शराब नीति में बहुत खामियां हैं लेकिन मैं प्रतीक्षा कर रही थी कि हम सबसे परामर्श के बाद नई शराब नीति लागू होगी तो सब खामियां ठीक हो जाएंगी।
जब मैं शाहपुरा, डिंडोरी से आज निकल रही थी तब पता लगा कि वर्तमान की शराब नीति का उल्लंघन करते हुए भी यहां नर्मदा जी के तटीय कस्बों एवं शहरों में भी देशी विदेशी शराब की दुकानें खुली हैं।
उन्होंने कहा कि, मुझे पता लगा कि शिवराज जी ने भी इन दुकानों को बंद करने के लिए निर्देश दिए थे फिर भी दुकानें सरकारी आदेश की धज्जियां उड़ाते धड़ल्ले से चल रही है। इसलिए अब मैं आशंकित हूं कि हम सबसे परामर्श के बाद जो नई शराब नीति बनेगी तो क्या वह लागू हो पाएगी? यह गहन चिंता का विषय है। प्रभावी कौन है? सरकार, जनता का हित या शराब माफिया। इस सवाल का उत्तर शायद जल्दी ही आप सब मुझे बता देंगे।
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