भोपाल ( नीरज गौर ) । स्कूल शिक्षा विभाग में पंद्रह जून के बाद तबादले शुरू होंगे। शहरी स्कूलों में सालों से जमें शिक्षकों को अनिवार्य रूप से गांव में भेजा जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर पालिसी के तहत काम शुरू हो गया है। हालांकि यह प्रक्रिया 15 मई तक पूरी करना थी। लेकिन वरिष्ठ पदों पर प्रभार देने की प्रक्रिया के चलते तबादले पंद्रह जून के बाद होंगे। दरअसल पिछले साल एमपी सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर पालिसी के मंजूरी दी है। यह व्यवस्था इस साल 2023-24 से लागू होना है। नई ट्रांसफर पालिसी के तहत शिक्षा विभाग में सभी संवर्गों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया 31 मार्च से 15 मई के बीच पूरी करना थी। लेकिन इस बार वरिष्ठ पदों पर प्रभार देने की प्रक्रिया चल रहा है। वरिष्ठ पदों पर प्रभार देने की प्रक्रिया के कारण स्थानांतरण प्रक्रिया लेट हो गई है। वरिष्ठ पदों पर प्रभार देने के बाद नई ट्रांसफर पालिसी के तहत ट्रांसफर किए जाएंगे। यह प्रक्रिया पंद्रह जून के बाद शुरू होगी।
दस साल ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में करना होगा काम
नई शिक्षा नीति के तहत नवीन नियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में कम से कम तीन वर्ष और अपने संपूर्ण सेवाकाल के न्यूनतम 10 साल कार्य करना होगा। दस वर्ष या इससे अधिक अवधि तक एक ही संस्था विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन और शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा।
इन्हें मिलेगी छूट
ऐसे शिक्षक जिनकी सेवानिवृत्ति तीन वर्ष शेष है और गंभीर बीमारी या विकलांगता से पीडि़त हैं, उन्हें इस प्रक्रिया से मुक्त रखा जाएगा। स्थानांतरण में वरीयता क्रम निर्धारित किया गया है। नई नीति के अनुसार शिक्षकों को निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की निजी पदस्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा।
ऑनलाइन ही लिए जाएंगे आवेदन
स्कूल शिक्षा विभाग में तबादले के लिए आवेदन ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। उत्कृष्ट स्कूल, मॉडल स्कूल और सीएम राइज स्कूलों में स्वैच्छिक स्थानांतरण नहीं होंगे। साथ ही प्राचार्य, सहायक संचालक या उससे वरिष्ष्ठ पदों के स्वैच्छिक स्थानांतरण आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे, लेकिन उनका निराकरण ऑफलाइन भी किया जा सकेगा। रिलीविंग और ज्वाइनिंग की कार्यवाही ऑनलाइन होगी।
तीन साल तक नहीं होगा कोई तबादला
स्कूल शिक्षा विभाग की नई नीति में एक बार स्वैच्छिक स्थानांतरण होने के बाद विशेष परिस्थिति छोड़कर तीन वर्ष तक स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई शाला शिक्षक विहीन न हो जाए। प्रथम श्रेणी अधिकारियों के स्थानांतरण समन्वय मुख्यमंत्री के अनुमोदन से किए जाएंगे।
प्रभारी मंत्रियों की नहीं रहेगी भूमिका
अभी तक शिक्षकों के तबादले में प्रभारी मंत्रियों की चलती थी। नई नीति में प्रभारी मंत्रियों की इसमें कोई भूमिका नहीं रहेगी। अब सब कुछ ऑनलाइन ही होगा। शिक्षकों की पोस्टिंग उपलब्ध सीटों के आधार पर ही होगी।
इनका कहना है
वरिष्ठ पदों पर प्रभार देने की प्रक्रिया चल रही है। यह प्रक्रिया पंद्रह जून तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू होगी।
रश्मि शमी, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा
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