किल्लौद, मध्य प्रदेश। ग्राम नांदिया खेड़ा (रैयत) की प्रधानमंत्री सड़क संभवत मध्य प्रदेश की सबसे खराब सड़क हो गई है। जहां पर ग्रामीणों का चलना और आवागमन मुश्किल हो रहा है। ग्राम नांदिया को खिरकिया शहर से जोड़ने के लिए बनाई गई यह सड़क पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो गई है।
बीते 5 साल से ग्रामीणों द्वारा नेताओं और अधिकारियों के समक्ष समय-समय पर इस सड़क को बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन ग्राम वासियों का हमेशा निराशा ही मिली है। खंडवा जिले के अंतिम छोर पर हरदा जिले की सीमा से सटा हुआ ग्राम नांदिया है। इस सड़क से लगभग आधा दर्जन गांव का आवागमन लगा हुआ है।
जब से यह सड़क बनी है, तब से विभाग के अधिकारियों ने ना तो इसका मेंटेनेंस करवाया है और ना ही मरम्मत का काम करवाया है। नेताओं और अधिकारियों की उपेक्षा के चलते ग्रामीण भारी तकलीफ उठा रहे हैं। कई बार क्षेत्रीय विधायक को भी नांदिया खेड़ा सड़क के बारे में अवगत कराया गया है, लेकिन ग्रामीणों के हाथ हमेशा निराशा लगी। सड़क की हालत इतनी खराब हो गई है। कि, पता नहीं चलता सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क बनी हुई है।
बंद हो डंपर या वसूला जाए टेक्स : ग्रामीण
ग्राम नांदिया से लगी हरदा जिले के चौकड़ी गांव में स्थित लगभग आधा दर्जन क्रेशर और डामर प्लांट ट्रक क्षमता से अधिक गिट्टी भरकर खंडवा जिले की ग्राम नांदिया की सड़कों से दिन भर दौड़ते रहते हैं। सड़क को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने में ओवरलोड डम्परों द्वारा कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई, लेकिन क्रेशर संचालकों द्वारा इस टूटे- फूटे मार्ग पर कभी एक भी गड्ढा भरने की कोशिश नहीं की गई।
ग्रामीणों का कहना है कि, प्रतिदिन 12 से 18 टन के ओवरलोड डंपर गुजरते हैं, यदि यह सड़क बन भी जाती है, तो पंचायत को यहां से गुजरने वाले डम्परों से टैक्स वसूलना चाहिए, ताकि सड़क खराब होने पर उसकी मरम्मत की जा सके या फिर ओवरलोड डम्परों का आवागमन रोकना चाहिए।
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