भोपाल, मध्यप्रदेश। आज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी पंडित गेंदालाल दीक्षित और रेडियो विज्ञान के जनक एवं भौतिक,जीव,वनस्पति विज्ञान मे योगदान देने वाले महान भारतीय वैज्ञानिक डॉ. जगदीश चन्द्र बसु की जयंती है। इस मौके पर मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पंडित गेंदालाल दीक्षित और जगदीश चन्द्र बसु को जयंती पर याद करते हुए उन्हें नमन किया है।
गेंदालाल दीक्षित की जयंती पर याद करते हुए CM ने किया नमन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के जरिए गेंदालाल दीक्षित को याद किया है। शिवराज ने कहा- 'क्रांतिकारियों के द्रोणाचार्य', महान स्वतंत्रता सेनानी गेंदालाल दीक्षित जी की जयंती पर शत् शत् नमन, दीक्षित इतने अद्भुत क्रांतिकारी थे कि उन्होंने आम लोगों के साथ डाकुओं को भी अंग्रेजों के खिलाफ कर दिया। महान देशभक्त और अप्रतिम योद्धा के रूप में आप चिरस्मरणीय रहेंगे।
30 नवम्बर सन् 1888 में हुआ था पंडित गेंदालाल दीक्षित का जन्म :
पंडित गेंदालाल दीक्षित का जन्म 30 नवम्बर सन् 1888 को ज़िला आगरा, उत्तर प्रदेश की तहसील बाह के मई नामक गाँव में हुआ था, पंडित गेंदालाल दीक्षित भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। वह 'बंगाल विभाजन' के विरोध में चल रहे जन आंदोलन से बहुत प्रभावित हुए थे। उन्होंने क्रांति के लिए 'शिवाजी समिति' की स्थापना की थी।
CM ने जगदीश चंद्र बसु की जयंती पर किया नमन :
वही जगदीश चंद्र बसु की जयंती पर सीएम शिवराज ने ट्वीट कर नमन किया है। सीएम ने कहा- रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य करने वाले महान वैज्ञानिक तथा भौतिकी, जीव विज्ञान, वनस्पतिशास्त्र व पुरातत्व के प्रकांड विद्वान डॉ. जगदीश चन्द्र बोस जी की जयंती पर कोटिशः नमन, रेडियो विज्ञान एवं बंगाली विज्ञानकथा-साहित्य के जनक के रूप में आप सदैव याद किए जाएंगे।
विज्ञान एवं मानवता की आपने जो अभूतपूर्व सेवा की, उसके लिए जगदीश चंद्र बसु को सदैव याद किया जायेगा।सीएम शिवराज
जन्म 30 नवंबर सन 1858 में था जगदीश चंद्र बसु का जन्म :
बता दें कि, जन्म 30 नवंबर, 1858 को बिक्रमपुर जगदीश चंद्र बसु का जन्म हुआ था। जगदीशचन्द्र बोस भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे, जिन्हें भौतिकी, जीवविज्ञान, वनस्पतिविज्ञान तथा पुरातत्व का गहरा ज्ञान था, वे पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने रेडियो और सूक्ष्म तरंगों की प्रकाशिकी पर कार्य किया। वनस्पति विज्ञान में उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण खोजें कीं। साथ ही वे भारत के पहले वैज्ञानिक शोधकर्त्ता थे। वे भारत के पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने एक अमरीकन पेटेंट प्राप्त किया।
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