पुलिस मुख्यालय में आयोजित हुआ दो दिवसीय वेबिनार Social Media
मध्य प्रदेश

मूल कारण के बारे में पता लगाना होगा तब आएगी अपराधों में कमी : ADG राजेश गुप्ता

भोपाल, मध्यप्रदेश : मूल कारण के बारे में पता लगाना होगा, तब ही हॉटस्पॉट के अपराधों में कमी लाने में सफलता मिलेगी। ये बात पुलिस मुख्यालय में आयोजित वेबिनार में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने कही।

Shravan Mavai

भोपाल, मध्यप्रदेश। मूल कारण के बारे में पता लगाना होगा, तब ही हॉटस्पॉट के अपराधों में कमी लाने में सफलता मिलेगी। ये बात पुलिस मुख्यालय में दो दिवसीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के प्रति संवेदनशीलता विषय पर आयोजित वेबिनार में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजाक राजेश गुप्ता ने कही। दो दिवसीय सेमीनार का शुक्रवार को समापन हुआ।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजाक श्री गुप्ता ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के प्रति संवेदनशीलता बरतनी चाहिए है आने वाले समय में हम हॉटस्पॉट एरियाओं में कैज्युल कॉन्टेक्ट व कमेटी ऑब्जर्वर भी निुयक्त करवाएंगे, जिससे अपराधों और अपराधियों पर नजर रखी जाए। साक्षी संरक्षण के तहत अब दो अपराधों को चिन्हित करें और हमारा लक्ष्य रहे कि सजायाबी में भी 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हो, जिसके लिए हम एक ट्रायल प्लान बनाए और इस बात को तय करें कि क्या-क्या और कैसे सिद्ध करना है। जाति प्रमाण पत्र, राहत प्रकरणों में कहां-कहां हम गलती कर सकते हैं, वहां भी ध्यान देना चाहिए। जिन लोगों ने इस प्रशिक्षण को प्राप्त किया है, उनका दायित्व है कि वह इसका लाभ अपने मातहतों और साथियों तक पहुंचाए।

एफआईआर के मजमून में घटना से संबंधित अधिक तथ्य हो :

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया ने एफआईआर लिखने का तरीका बताते हुए कहा कि एफआईआर के मजमून में घटना से संबंधित अधिक से अधिक तथ्य हो, इसमें अनावश्यक तथ्यों का समावेश नहीं करना चाहिए। फरियादी व गवाहों को 160 का नोटिस देकर उस पर हस्ताक्षर कराए तथा 161 व 164 के कथन में तथ्य अलग-अलग न हो, इसके लिये फरियादी से समन्वय बनाए। प्रथम सूचना संक्षिप्त हो सकती है, किन्तु वह स्पष्ट और सारगर्भित होना चाहिए। यह अपराधियों को दंडित करने का आधार बनता है।

सही धाराएं लगाई जाएं :

अजाक शाखा पुलिस मुख्यालय में पदस्थ विधि अधिकारी विजय कुमार बंसल ने कहा कि पीड़ित को न्याय प्राप्त हो, इसलिये हमारा कर्तव्य है कि एफआईआर दर्ज करते समय सही धाराएं लगाई जाएं। उन्होंने अधिनियम की विभिन्न जटिलताओं को समझाते हुए प्रतिभागियों से मैदानी स्तर में आने वाली समस्याओं पर विस्तृत चर्चा भी की। व्याख्यान के बाद प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षणार्थियों एवं पुलिस अधीक्षक अजाक द्वारा विवेचन व इस एक्ट की धाराओं में आने वाली समस्याओं के संबंध में श्री बंसल के समक्ष प्रश्न रखे गए, श्री बंसल द्वारा प्रशिक्षणार्थियों की समस्याओं का समाधान भी इस वेबिनार के माध्यम से किया गया। इस दो दिवसीय सेमीनार का संचालन सहायक पुलिस महानिरीक्षक (अजाक) करन सिंह रावत ने किया।

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