MP Assembly Election 2023 : भोपाल, मध्यप्रदेश (जगदीश द्विवेदी) । पांच महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा (BJP) के सत्तर विधायकों के टिकट पर संकट के बादल छा गए हैं। पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे में इन विधायकों का परफार्मेन्स ठीक नहीं आया है। इनमें से कई अपने क्षेत्र में बेहद निष्क्रिय पाए गए हैं। समय रहते विधायकों की छवि में सुधार न हुआ तो इनके टिकट काटे जा सकते हैं। इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक विधायकों के टिकट सत्तर की उम्र पार होने के कारण बदले जाएंगे।
गौरतलब है कि भाजपा अब तक अपने विधायकों क्षेत्र में जनता के बीच छवि को लेकर तीन बार सर्वे करा चुकी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) विधायकों के साथ वन टू वन में उन्हें यह सर्वे रिर्पोट दिखा भी चुके हैं और रिपोर्ट के आधार पर सामने आई कमियों को दूर करने का आग्रह इस चेतावनी के साथ कर चुके हैं कि वक्त है, संभल जाओं वर्ना फिर संभलने का मौका नहीं मिलेगा। संगठन सूत्रों की माने तो करीब तीन दर्जन विधायक ऐसे हैं जो क्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय नहीं हैं। इन सालों में इनकी पब्लिक इमेज भी पहले जैसी नहीं रही है। बताया जाता है कि सर्वे के दौरान कुछ विधायकों के बारे में जिले के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ही एडवर्स कमेंट दिए हैं। इनमें उप चुनाव जीत कर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के समर्थक मंत्री और विधायक भी शामिल हैं।
तीन से चार बार विधायक रहे नेताओं के नाम पर भी हो रहा मंथन
भाजपा में इस समय करीब तीन दर्जन से अधिक ऐसे विधायक हैं जो तीन और चार बार से लगातार विधायक हैं। इसके अलावा पांच या उससे अधिक बार के विधायकों की संख्या भी एक दर्जन के करीब है। सूत्रों की माने तो ऐसे विधायक जो चार बार से विधायक हैं और उनकी उम्र सत्तर को पार कर रही है, उनके टिकट कट सकते हैं। संगठन इस बारे में नीति तैयार कर रहा है। इसके अलावा कुछ विधायकों के टिकट काट कर उनके परिजन को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। गौरतलब है कि भाजपा के अभी 126 विधायक हैं। प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 148 सामान्य हैं, इसके अलावा 47 अनुसूचित जनजाति और 35 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। सूत्रों की माने तो प्रदेश कार्यसमिति के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद के बीच लंबी मंत्रणा हुई है। इसमें प्रदेश के हर जिले का दौरा कर चुके अजय जामवाल ने भी सीएम को विधायकों को लेकर मिले फीडबैक की जानकारी दी गई, उन्होंने फीडबैक से केन्द्रीय नेतृत्व को भी अवगत कराया है।
2018 में पांच मंत्रियों समेत 54 विधायकों के कटे थे टिकट
भाजपा ने 2018 के विधानसभा चुनावों में पांच मंत्रियों समेत 54 विधायकों के टिकट काटे थे। पिछली बार हुए सर्वे में भी पार्टी के सत्तर विधायकों का परफार्मेन्स पुअर आया था। जिन पांच मंत्रियों के टिकट काटे गए थे उनमें कुसुम मेहदेले, डाक्टर गौरीशंकर शेजवार, माया सिंह, सूर्यप्रकाश मीणा और हर्ष सिंह शामिल थे। इनमें शेजवार और हर्ष सिंह के स्थान पर उनके पुत्रों को टिकट दिया गया था।
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