मध्य प्रदेश। बीजेपी (BJP) ने कांग्रेस (Congress) के खिलाफ 'कांग्रेस फाइल्स' का पहला एपिसोड जारी किया है। इस वीडियो सीरीज में बीजेपी ने यूपीए (UPA) सरकार के दौरान हुए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। जिसके बाद सियासी घमासान मच गया है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि, बीजेपी सरकार में कमिशन का खेल चल रहा है, बड़े प्रोजेक्ट में भाजपा नेता कमीशन ले रहे है। भाजपा के दफ्तरों को बनाने में कमीशन की राशि खर्च हो रही।
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कही यह बात:
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि, "किसी को दूसरे के घर पर पत्थर फेंकने से पहले, अपना घर कांच का नहीं रखना चाहिए। पूरे प्रदेश की जनता जान रही है। घोटालेबाजों की सरकार है, कौन है। मध्य प्रदेश की 60 हजार करोड़ की जनता समझ रही है और शिवराज की सरकार में, तो घोटालों की है। घोटालों के अलावा कुछ बचा ही नहीं है। अगर साफ़ सुथरा काम कर रहे हैं, तो साढ़े चार लाख करोड़ का कर्जा कैसे है प्रदेश में। अब भवन बनवा रहें हैं, बजट में। अभी तक क्या है, भ्रटाचार होता था। बजट जारी करने के बाद अधिकारियों को बैठाकर, सरकार के मंत्रीयों को टारगेट देते हैं कि, 20 हजार करोड़ अगर हमने पेयजल को दिया, तो 7 सौ करोड़ आप जाकर भाजपा के कार्यालय में या इस-इस जगह जाकर जमा करो। दिल्ली में जमा हो रहा है।"
उन्होंने कहा कि, "हम पूछना चाहते हैं कि, पिछले आठ वर्ष और नौ वर्ष में भारतीय जनता पार्टी ने निजी सम्पत्तियां बनाने में भवन अलग-अलग, आखिर वो पैसा कहा से आया। मध्य प्रदेश का भवन खाली सा बना हुआ, टूटके एअर कंडीशन आठ दस, मंजिल बनना है। आखिर कौन सा इनके पास पेड़ था, जिससे ये झड़ गए। अस्पताल बनवाने लगे ग्वालियर में आरोग्य धाम आरएसएस ने बनवाया है, करीब सौ रेट से ज्यादा है अभी। कानपूर में आरएसएस के लोग ग्वालियर के डॉक्टर जाकर सांस की कर्मचारी, अधिकारी है वो देखरेख करके कानपूर में बना रहें हैं। करीब एक हजार करोड़ का हॉस्पिटल वहां बनना है। ये सब देश की जनता जानती है। छोटे-छोटे कस्बे में पांच से 3 करोड़ के भाजपा के कार्यालय बने हुए हैं। आखिर क्या ये बकरी की तरह, जो साल में चार बच्चे देती है, इस प्रकार दे रहें हैं बीजेपी वाले। कहा से आ रहा है। जमीने बेच दी, जो जमीन 100 करोड़ की है। बस स्टैंड बेच दिया, बसें खड़े होने की जगह नहीं बची सड़क पे।"
वहीं, गोविंद सिंह ने अपने बयान में आगे कहा कि, "भारतीय जनता पार्टी की जुबान पर कंट्रोल नहीं है, उनके लिए कोई कानून नहीं है, उनके लिए कोई नियम नहीं है और न उनके लिए कोई न्यायलय नहीं है, जो कुछ भी न्यायलय ईडी, सीडी, सीबीआई, इंटेलिजेंस केवल विपक्ष के लोगों के लिए है। ये लोग भारतीय जनता पार्टी के गुलाम हैं। मालिक का आदेश आया और वो चले जाते हैं।"
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