जिला योजना समिति की बैठक  राज एक्सप्रेस, संवाददाता
मध्य प्रदेश

Bhind : प्रभारी मंत्री के प्रथम नगर आगमन पर जमकर हुआ हंगामा

भिण्ड, मध्यप्रदेश : प्रभारी मंत्री के काफिले ने जैसे ही नगर में प्रवेश किया तो ज्ञापन न लेने से नाराज हुए कांग्रेसियों ने प्रभारी मंत्री का पुतला फूंक दिया और मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे।

Author : राज एक्सप्रेस

भिण्ड, मध्यप्रदेश। राजस्व परिवहन एवं जिला प्रभारी मंत्री गोविन्दसिंह राजपूत के प्रथम नगर आगमन को लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन ने सभी तरह की चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था कर रखी थी, लेकिन जैसे ही उनके काफिले ने नगर में प्रवेश किया तो ज्ञापन न लेने से नाराज हुए कांग्रेसियों ने प्रभारी मंत्री का पुतला फूंक दिया और भाजपा व प्रभारी मंत्री एवं जिला प्रशासन के मुर्दाबाद के नारे कलेक्टर सतीश कुमार एस एवं पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार के सामने लगाये और सभी लोग तमाशबीन बनकर यह सब देखते रहे।

पुतला जलाते व नारे लगाते कांग्रेसी

शाम 4.45 बजे जिला पंचायत के सभागार में योजना समिति व क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक होनी थी, जिसमें बीजेपी के मीडिया प्रभारी के द्वारा जिलेभर के सभी पत्रकारों को फोन व मैसेज के जरिए बैठक में मंत्री से चर्चा करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उनको प्रवेश नहीं दिया गया, सिर्फ 16 सिलेक्टेड पत्रकारों को ही अंदर जाने दिया बाकी मीडिया को पुलिस के अधिकारियों ने गेट पर रोक दिया, फिर पत्रकारों ने हंगामा शुरु करते हुए भिंड प्रशासन मुर्दाबाद, मनमानी नहीं चलेगी आदि नारेबाजी शुरु कर दी, फिर सदर विधायक संजीवसिंह कुशवाह ने यह तमाशा देखा तो भी खड़े होकर मीडिया के पास आ गये। फिर प्रभारी मंत्री को पता चला कि पत्रकारो को बाहर रोक दिया है तो उन्होंने सभी को अंदर बुलाया, लेकिन इस तरह से पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर द्वारा सिलेक्टेड पत्रकारों को बुलाकर समस्त मीडिया जगत पर प्रहार करते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने का प्रयास किया गया। प्रभारी मंत्री को जब इस की जानकारी लगी तो उन्होंने जनसंपर्क अधिकारी को जमकर फटकार लगायी। जिला प्रशासन नहीं चाहता था कि सभी मीडिया के कर्मचारी अंदर जाये, क्योंकि प्रभारी मंत्री से कई सवाल-जबाव किये जाने थे, जिसको लेकर उनकी किरकिरी हो सकती थी, इसलिए कलेक्टर व पुलिस ने मीडिया को गेट पर रोकना ही उचित समझा, ताकि जिले की फजीहत होने व अन्य पोल खुलने से उन्हें बचाया जा सके। यह सब साजिश एक दिन पहले ही रच ली गई थी ताकि पत्रकारों की एकता भंग की जा सके। इस तरह से भ्रम पूर्ण स्थिति पत्रकारों में किसने व किसके कहने पर पैदा की है इसकी जांच होकर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई होना चाहिए। वहीं प्रभारी मंत्री ने जिस तरह से जनसंपर्क व अधिकारियों को फटकार लगायी, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रभारी मंत्री श्री राजपूत सभी पत्रकारों से चर्चा करना चाहते थे, लेकिन पत्रकारों को षडयंत्र पूर्ण रोकने का प्रयास करते हुए चौथे स्तंभ में फूट करने के लिए यह खेल रचा गया था, जिसकी पोल बाद में खुलकर सामने आई।

हंगामा इतना हुआ कि कलेक्टर-एसपी के मुर्दाबाद के नारे लगाए :

हद तो तब हो गई जब राजस्व परिवहन एवं जिला प्रभारी मंत्री गोविन्दसिंह राजपूत की जिला पंचायत के सभागार में योजना समिति व क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक में जिलेभर के पत्रकारों को उनसे चर्चा करने के लिए बुलाया गया था और बैठक शुरु हुई तो सिर्फ चुनिंदा 16 सिलेक्टेड पत्रकारों को ही समिति की बैठक में बिठा दिया, बाकी पत्रकार बैठक का हिस्सा बनने से पहले ही गेट पर पुलिस के अधिकािरयों व उनके सुरक्षा कर्मचारियों ने जाने से रोक दिया। फिर हंगामा इतना बढ़ गया कि पत्रकारों ने कलेक्टर-एसपी सहित पीआरओ के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे शुरु कर दिये। फिर मंत्री के इशारे पर सभी पत्रकारों को अंदर दाखिल किया गया।

सिलेक्टेड पत्रकारों की सूची जि.पं. के गेट पर चस्पा, अधिकारियों को पता ही नहीं

जिला पंचायत के सभागार में योजना समिति व क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक में राजस्व परिवहन एवं जिला प्रभारी मंत्री गोविन्दसिंह राजपूत से चर्चा करने के लिए जिले के सभी पत्रकारों को बुलाया गया था, लेकिन जिला पंचायत के गेट पर सिर्फ 16 सिलेक्टेड पत्रकारों को अंदर प्रवेश करने के लिए लिस्ट चस्पा कर दी गई और उन्हीं लोगों को मंत्री के सुरक्षा गार्डो एवं पुलिस जवानों ने प्रवेश दिया अन्य मीडिया को गेट पर रोक दिया, जब इसकी जानकारी प्रभारी मंत्री को लगी तो उन्होंने पीआरओ को फटकार लगाई, हद तो तब हो गई जब जि.पं. के गेट पर इस तरह से सूची को चस्पा किया गया तो किसी अधिकारी को पता ही नहीं सभी अपनी-अपनी बगले मंत्री के सामने झांकते हुए नजर आये।

सिलेक्टेड पत्रकारों की सूची

प्रेस क्लब अध्यक्ष ने सभी पत्रकारों से किया आग्राह :

प्रेस क्लब अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा ने जिलेभर के समस्त मीडिया कर्मचारियों से आग्रह किया है कि इस तरह से पत्रकारों की एकता को भंग नहीं होने दिया जाये, नहीं तो आगे भी इस तरह से षडयंत्र रचकर फूटन पैदा की जा सकती है, इसलिए आगे भी एकजुट रहने की जरुरत है, जिस तरह से प्रभारी मंत्री गोविन्दसिंह राजपूत की बैठक में केवल सिलेक्टेड पत्रकारों को बुलाकर समस्त पत्रकारों का अपमान किया है जो बहुत ही निदंनीय है।

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