प्रदेश में कोई समस्या नहीं हम अभी भी मांग के हिसाब से दे रहे बिजली Raj Express
मध्य प्रदेश

प्रदेश में कोई समस्या नहीं हम अभी भी मांग के हिसाब से दे रहे बिजली : प्रद्युम्न सिंह तोमर

ग्वालियर, मध्यप्रदेश : ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कमलनाथ पर पलटवार करते हुए कहा कि शायद कमलनाथ को वर्ष 2002 का सपना रात के समय आता होगा जब लोग पूछते थे कि बिजली कब आएगी।

राज एक्सप्रेस

ग्वालियर, मध्यप्रदेश। प्रदेश में फिलहाल बिजली का कोई संकट नहीं है, हां अगर प्राकृतिक आपदा नहीं आई तो फिर कोई चिंता की बात नहीं है। कमलनाथ का आरोप कि कोयले की कमी होने से बिजली संकट है, इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने पलटवार करते हुए कहा कि शायद कमलनाथ को वर्ष 2002 का सपना रात के समय आता होगा जब लोग पूछते थे कि बिजली कब आएगी।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि, कमलनाथ को 2003 के पहले का वक्त याद करना चाहिए, जब लोग कहते थे कि बिजली कब आएगी। आज प्रदेश में ट्रिपिंग की समस्या कम हो गई है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कमलनाथ राजस्थान और महाराष्ट्र में क्या स्थिति है उसकी बात नहीं करते, क्योंकि वहां लाइट कटौती से हालात बदतर हैं, जबकि मध्यप्रदेश में लोगों को बेहतर बिजली सेवा मिल रही है। कोयले की कमी को लेकर प्रद्युम्न सिंह का कहना था कि हम कोयले की आपूर्ति तेजी से कर रहे हैं। ट्रेनों व सड़क मार्ग से लगातार कोयले की आवक हो रही है। हमने 30 लाख मैट्रिक टन कोयले के नए टेंडर किए हैं। वर्तमान में कोई संकट नहीं है, क्योंकि कमलनाथ व कांग्रेस नेताओं को धरातल पर क्या स्थिति है इसकी जानकारी नहीं रहती, क्योंकि वह एसी से बाहर नहीं निकलते। ऊर्जा मंत्री ने दावा किया कि आज भी प्रदेश में 12 हजार मेगावाट बिजली की जरूरत थी, उसकी मांग को पूरा किया गया है तो फिर संकट कहां दिख रहा है। एक सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री का कहना है कि बिजली सुधार की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार मदद कर ही रही है। बार-बार ट्रिपिंग की समस्या को दूर करने, नई केबल लाइन डालने, ट्रांसफार्मर के लिए धनराशि की जरूरत है, इसलिए जरूरत पड़ेगी तो इसके लिए बैंक से लोन लिया जाएगा।

अपने पुत्रों को आगे करने की होड़ मची कांग्रेस में :

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि जो लोग सिंधिया पर आरोप लगाते हैं वह यह नहीं जानते कि राजतंत्र के समय सिंधिया परिवार ने तिघरा डेम, मोतीझील पर फिल्टर प्लांट, छोटी रेल तक चलाई थी और वर्ष 1948 में ग्वालियर को मेडिकल कॉलेज बनाकर दिया था। अब ऐसे चमकते चेहरे से कैसे पार पाएं, इसके लिए कांग्रेस नए-नए हथकंडे अपना रही है। नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति भी कांग्रेस जनहित के मुद्दे उठाने की जगह नेता विशेष पर आरोप लगाने के लिए कर रही है तो समझा जा सकता है कि कांग्रेस की क्या स्थिति होगी। ऊर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि कांग्रेस के अंदर अपने पुत्रों को आगे लाने की होड़ मची हुई है, जिसके कारण कांग्रेस धरातल से दूर होकर सिर्फ एसी तक सीमित होकर रह गई है।

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