भोपाल, मध्यप्रदेश। विंध्य क्षेत्र पिछड़ेपन का शिकार नहीं है। यह दावा किया है मप्र के विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने। वह निवास पर मीडिया से चर्चा कर रहे थे। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि प्रदेश की इंदौर सहित दूसरे शहरों के मुकाबले यूपीएससी परीक्षा में चयनित क्षेत्र के अभ्यर्थियों की संख्या बीते वर्षों में बढ़ी संख्या इसकी पुष्टि करता है।
इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय विकास को गति देने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि परिवहन सुविधाओं में बढ़ोत्तरी इसके लिए आवश्यक है। बीते शनिवार से शुरू हुई रेवांचल एक्सप्रेस की प्रतिकृति गाड़ी का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों की भारी मांग पर यह सौगात मिली है। इस संबंध में रेल मंत्री से हुई चर्चा के हवाले से उन्होंने बताया कि आगामी जून तक इस साप्ताहिक गाड़ी का परिचालन तो होगा ही। राजस्व बढ़ोत्तरी पर यह 30 जून के बाद नियमित हो जाएगी। यहां मुंबई से चलकर जबलपुर पहुंचने वाली गरीब रथ एक्सप्रेस को रीवा तक बढ़ाए जाने की मांग करते हुए कहा कि यह गाड़ी दिन भर जबलपुर में खड़ी रहती है। यदि इसे रीवा तक बढ़ा दिया जाय तो इलाज के लिए नागपुर पर निर्भर लोगों को सहूलियत मिलने लगेगी। क्योंकि यहां से सप्ताह में कुछ दिन चलने वाली एक ट्रेन और नौ बसें पर्याप्त नहीं हैं। जबकि रीवा से नागपुर, मुंबई, कोटा और पुणे के लिए प्रतिदिन ट्रेनों की पहले से आवश्यकता बनी हुई है। यहां उन्होंने सुझाव दिया है कि रीवा से आनंद विहार, नई दिल्ली जाने वाली ट्रेन को यदि चित्रकूट-बांदा-झांसी होकर चलाया जाता है तो यहां के लोगों को चित्रकूट जाने की सुविधा मिलेगी। अभी यह कानपुर, इलाहाबाद होकर चलाई जा रही है।
मैं विंध्यप्रदेश का विरोधी नहीं हूं :
विंध्य प्रदेश बनना चाहिए, इसका विरोधी कौन हो सकता है। पृथक विंध्य प्रदेश से संबंधित सवाल पर दो टूक शब्दों में यह कहना है मप्र के विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का। यहां उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत टीआरपी बढ़ाने के लिए कुछ लोग भले ही विंध्यप्रदेश का नाम ले रहे हैं, लेकिन विंध्यप्रदेश बने इसके लिए ठीक काम नहीं हो रहा है। हम इसके पुरोधाओं, गंगा चिंताली को भूल नहीं सकते हैं।
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