जबलपुर। प्रकाशित विज्ञापन में अनारक्षित वर्ग के लिए पद निर्धारित होने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं दिये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को वरिष्ठता के साथ नियुक्ति प्रदान करने के आदेश जारी किये है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि कार्य नहीं करने के कारण याचिकाकर्ता पिछले वेतन प्राप्त करने का हकदार नहीं है।
नैनपुर मंडला निवासी गणेश सिंह ठाकुर की ओर से पेश की गयी याचिका में कहा गया था कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा राजस्व विभाग में बैतूल जिले में सहायक ग्रेड-3 की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था। विज्ञापन के अनुसार अनारक्षित वर्ग के लिए दो पद निर्धारित थे। व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा में उसका चयन हो गया था। ज्वाइनिंग के लिए वह क्लेक्टर बैतूल के पास गया था।
उन्होने नियुक्ति प्रदान करने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि अनारक्षित वर्ग के लिए कोई पद नहीं है। इस संबंध में उसने संबंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन पेश किया था परंतु कोई सुनवाई नहीं हुुई। जिसके कारण उक्त याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश किये गये जबाव में कहा गया था कि अनारक्षित वर्ग के लिए कोई पद नहीं था। परीक्षा एजेंसी द्वारा गलत विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। एकलपीठ ने सुनवाई के बाद उक्त आदेश जारी किये।
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