राज एक्सप्रेस। ट्रैफिक नियमों को धता बताते हुए जो सड़कों पर फर्राटा भरते हैं, उनके लिए बुरी खबर है। केंद्र सरकार ने ट्रैफिक रूल्स को बेहद कठिन बना दिया है। नया मोटर वाहन संशोधन अधिनियम 1 सितंबर को लागू कर दिया गया है।
क्या है सख्त प्रावधान :
अब हेलमेट, सीट बेल्ट और शराब आदि पीकर गाड़ी चलाने वाले लोगों पर भारी जुर्माना लगाया जाना तय हुआ है। केंद्र सरकार ने 9 अगस्त को मोटर वाहन एक्ट में कई संशोधन किए थे, तबसे ट्रैफिक नियम बदल गए हैं। ये बदलाव किए हुए नियम कल से पूरी तरह लागू हो जाएंगे। सीट बेल्ट नहीं पहनने, दोपहिया वाहन पर दो से अधिक सवारी बैठाने, हेलमेट नहीं लगाने, बिना ड्राइविंग लाइसेंस, ओवर स्पीड, शराब पीकर गाड़ी चलाना, बिना परमिट पाए जाने पर और नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाने पर भारी जुर्माना लगेगा। नए नियमों के मुताबिक अब लोगों को पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा जुर्माना भरना होगा।
जुर्माने का फार्मूला :
पहले सीट बेल्ट न लगाकर गाड़ी चलाने पर 300 रूपए देना पड़ता था, अब 1000 रूपए जुर्माना भरना होगा। पहले जहां इमरजेन्सी वाहन (एंबुलेंस) को रास्ता नहीं देने पर एक भी रूपए जुर्माने के तौर पर नहीं भरना पड़ता था, वहीं अब 10 हजार रूपए देना होगा।
लाइसेंस रद्द होने पर गाड़ी चलाना मुश्किल :
अब बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाना भारी पड़ेगा। ऐसा करने पर आपको 5 हजार रूपए जुर्माने के रूप में जमा करना होगा जबकि लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में गाड़ी चलाने पर जुर्माना राशि 10 हजार हो जाएगी।
नशे में चलाना पड़ेगा महंगा :
शराब आदि पीकर बहुत से लोग गाड़ी चलाते हैं। पुलिस उनको पकड़ती भी है। पकड़े जाने पर जहां उन्हें पहले 2000 रूपए जुर्माने के तौर पर भरना होता था, अब 10 हजार रूपए देना होगा।
नाबालिगों पर और सख्ती :
नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर पहले जुर्माना नहीं देना पड़ता था लेकिन अब जुर्माना देने के साथ ही सजा का प्रावधान भी किया गया है। अब उनके द्वारा वाहन चलाने पर पकड़े जाने पर 25 हजार रूपए जुर्माने के तौर पर देना होगा। साथ ही 3 साल की सजा, वाहन का रजिस्ट्रेशन और गाड़ी मालिक और नाबालिग के अभिभावक दोषी माने जाएंगे। इसके बाद नाबालिग को 25 वर्ष की आयु तक गाड़ी चलाने का लाइसेंस नहीं मिलेगा।
हेलमेट पर पांच गुना वसूली :
पहले हेलमेट न पहनकर गाड़ी चलाने पर सिर्फ 200 रूपए जुर्माने के रूप में देने होते थे। मगर अब इस राशि को बढ़ाकर 1000 रूपए कर दिया गया है, साथ ही 3 माह तक के लिए लाइसेंस भी रद्द करने का प्रावधान।
मुआवजा राशि बढ़ाई गई :
अब सड़क दुर्घटना में पीड़ितों और उनके परिवारों को मिलने वाली राशि को सरकार ने बढ़ा दिया है। पहले जहां सड़क दुर्घटना में मृतक के परिजनों को 25 हजार रूपए मिलते थे, वहीं अब उन्हें 2 लाख रूपए मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। जबकि गंभीर चोट की स्थिति में पीड़ित को मिलने वाली राशि को 25 हजार से बढ़ाकर 50,000 कर दिया गया है।
दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद :
आमतौर पर अगर कोई व्यक्ति सड़क पर घायल हो जाता है या फिर किसी वजह से उसकी मृत्यु हो जाती है, तो लोग भयवश उसको अस्पताल पहुचाने में ढिलाई बरतते हैं। मगर अब आपको डरने की जरूरत नहीं है। किसी को सड़क पर घायल देखें या लगे कि किसी को आपकी मदद चाहिए, तो बढ़-चढ़कर आगे आएं और उसको अस्पताल पहुंचाने में बिल्कुल भी देरी न करें। नए यातायात नियम के अनुसार अब गुड समेरिटन यानी नेक व्यक्ति जो दुर्घटना के समय पीड़ित को अस्पताल या मेडिकल सुविधा मुहैया कराता है तो और अगर सहायता मुहैया करने में पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु् हो जाती है, तो मदद करने वाला व्यक्ति अपराधिक या दीवानी कार्यवाही के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
इन तीन राज्यों में नहीं लागू हुआ ये एक्ट :
पूरे देश में 1 सितंबर 2019 को मोटर व्हीकल एक्ट लागू हुआ, वहीं तीन राज्य ऐसे हैं, जहां ये एक्ट लागू नहीं हुआ है। जिन तीन राज्यों ने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने से इंकार किया है, उसमें गैर भाजपा शासित मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और भाजपा शासित राज्य हिमाचल प्रदेश शामिल है। गैर भाजपा शासित राज्यों ने संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर विरोध भी शुरू कर दिया है।
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