Employment Assistants Honorarium Increased: भोपाल। मध्यप्रदेश में रोजगार सहायकों का मानदेय 9 से बढ़कर 18 हजार होगा। यह घोषणा मोतीलाल नेहरू स्टेडियम भोपाल में आयोजित रोजगार सहायक सम्मलेन में बुधवार शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की है।
ग्राम रोजगार सहायक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोशनलाल परमार ने कहा कि, सालों से सरकार से मानदेय बढ़ने की मांग की जा रही थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रोजगार सहायकों की समस्याओं को समझा और मानदेय 9 से बढ़कर 18 हजार किये जाने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री की घोषणाएं
अब रोजगार सहायकों की सेवा आसानी से समाप्त नहीं की जा सकेगी।
विभागीय , अन्य जाँच में आवश्यक प्रक्रिया अपनाने के बाद ही कार्यवाही होगी।
सामान्य अवकाश सहित प्रसूति अवकाश आदि की सुविधा भी मिलेगी। -मातृत्व अवकाश के साथ ही पितृत्व अवकाश भी प्रदान किया जाएगा ।-
पंचायत सचिव की नियुक्ति में 50 प्रतिशत स्थान रोजगार सहायकों के लिए सुरक्षित रहेंगे।
रोजगार सहायकों को भविष्य में स्थानांतरण और नियुक्ति से संबंधित कार्यों में पंचायत सचिवों के समान ही माना जाएगा। इसके लिए आवश्यक नियम बनाए जाएंगे।
गौरतलब है कि रोजगार सहायकों का सम्मलेन मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में हुआ इसमेँ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। सम्मलेन में ग्राम रोजगार सहायक कर्मचारी संघ ने रोजगार सहायकों की मांगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष रखीं है। मुख्यमंत्री चौहान ने रोजगार सहायकों की मानदेय बढ़ने की मांग को मानते हुए मंच से दोगुना करने का एलान कर दिया। प्रदेश में 20 हज़ार के करीब रोजगार सहायक (Employment Assistant) हैं जो पंचायत के स्तर पर कार्य कर रहें हैं।
योजनाओं के क्रियान्वयन में रोजगार सहायकों की विशेष भूमिका
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में रोजगार सहायकों की विशेष भूमिका है। कोरोना काल में भी आम जनता और अन्य प्रदेशों के श्रमिकों को राहत देने में रोजगार सहायकों ने महत्वपूर्ण कार्य किया। रोजगार सहायकों ने कम्प्यूटर सीखा और उसे चलाने में भी दक्ष बने। अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में कम्प्यूटर, लेपटॉप की सहायता लेनी होती है, फिजिकल का डिजिटल से मेल करवाने का कार्य रोजगार सहायकों ने किया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिंदगी से अनिश्चितता खत्म करना आवश्यक है। रोजगार सहायक मेरे लिए विशेष हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिस तरह रामेश्वरम से लंका तक सेतु बंध बनाए गए थे आज रोजगार सहायक भी नल और नील जैसी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। सेतु निर्माण में गिलहरियों ने भी योगदान दिया था। ऐसे कार्यों में योगदान देने वाला प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण होता है।
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