भोपाल, मध्यप्रदेश। एमपी को टाइगर स्टेट का तमगा दिलाने में अहम योगदान देने वाली कॉलर वाली बाघिन अब इस दुनिया में नहीं रही है। कॉलर वाली बाघिन ने शनिवार पेंच नेशनल पार्क के एक सुंदर धारा के करीब भूरादत्त नाला के पास सीताघाट में अंतिम सांस ली है।
बीते दिनों से बीमार चल रही थी बाघिन :
मिली जानकारी के मुताबिक बाघिन बीते दिनों से बीमार चल रही थी। बाघ मुन्ना के बाद सबसे ज्यादा उम्र का रिकॉर्ड इसी बाघिन के नाम दर्ज है। मप्र टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में कॉलर वाली बाघिन की महत्वपूर्ण भूमिका है। उसके नाम सबसे अधिक संख्या में प्रसव और शावकों के जन्म का रिकॉर्ड भी है।
'सुपर मॉम' ने 29 शावकों को दिया था जन्म :
बता दें, बाघिन का जन्म सितंबर 2005 में हुआ था। सबसे पहले मात्र ढाई साल की उम्र में बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया था। इसके बाद अब तक आठ बार में कॉलर वाली बाघिन 29 शावकों को जन्म दिया। बाघिन ने सबसे ज्यादा बच्चे देने का विश्व रिकॉर्ड बनाया। कॉलर वाली बाघिन का मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का तमगा दिलाने में अहम योगदान रहा।
आपको बताते चलें कि पेंच टाइगर रिजर्व में कॉलर वाली बाघिन को 11 मार्च 2008 को बेहोश कर देहरादून के विशेषज्ञों ने रेडियो कॉलर पहनाया था। इसके बाद से पर्यटकों के बीच बाघिन काॅलर वाली के नाम से प्रसिद्ध हो गई थी। कॉलर वाली बाघिन की मौत की खबर आते ही पर्यावरण व बाघ प्रेमियों में मायूसी छा गई।
नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर जताया दुख
कॉलर वाली बाघिन की मौत पर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दुख जताया है। नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर कहा- 'सुपर मॉम' को आखिरी सलाम। 29 शावकों को जन्म देने वाली पेंच टाइगर रिजर्व की 'कॉलर वाली बाघिन' की मृत्यु की खबर दुखद है। मध्यप्रदेश को मिली टाइगर स्टेट की गौरवशाली पहचान पर कोई भी चर्चा इस सुपर मॉम के महत्वपूर्ण योगदान के बिना पूरी नहीं हो सकेगी।
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